जैसे भड़काऊ भाषण और बयानबाज़ी से दिल्ली हिंसा भड़की वैसे भड़काऊ नारे और गतिविधियाँ हिंसा के बाद भी जारी रही। क्या इसकी कल्पना की जा सकती है कि जिस हिंसा में लगातार मौतें हो रही हों उसी बीच आपत्तिजनक नारे लगे और रैलियाँ निकले! वह भी एक चुने हुए प्रतिनिधि द्वारा। एक विधायक द्वारा। इस मामले में सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ है जिसमें दिख रहा है कि नये-नये चुने गए बीजेपी विधायक अभय वर्मा रैली निकाल रहे हैं। एक ट्वीट में वीडियो के साथ दावा किया गया है कि वह लक्ष्मी नगर के मंगल बाज़ार से अपने समर्थकों के साथ मार्च कर रहे हैं। वीडियो में साफ़ सुना जा सकता है कि इसमें भड़काऊ नारे लगाए जा रहे हैं। यह काफ़ी आपत्तिजनक है। ऐसे में जब हिंसा बढ़ती जा रही हो तो ऐसे नारे लगाने और लगवाने वाले के ख़िलाफ़ क्या कार्रवाई नहीं होनी चाहिए? सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ही एक मामले में सुनवाई के दौरान संकेत दिए हैं कि भड़काऊ नारे और बयानबाज़ी करने वाले नेताओं को गिरफ़्तार किया जाना चाहिए।