लेखिका व योजना आयोग की पूर्व सदस्य सैयदा हमीद, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण, जेएनयू छात्रसंघ पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार सहित कई बुद्धिजीवियों ने दिल्ली हिंसा में पुलिस की जाँच पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने जेनएयू के पूर्व छात्र उमर खालिद की गिरफ़्तारी का विरोध किया और कहा कि विरोध की आवाज़ को आपराधिक बनाया जा रहा है और इसे दबाया जा रहा है। उन्होंने बयान में साफ़ तौर पर कहा है कि दिल्ली पुलिस ने फ़रवरी की दिल्ली हिंसा की जाँच को नागरिकता संशोधन क़ानून यानी सीएए विरोधी प्रदर्शनों की जाँच में बदल दिया है।