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'आप' से गठबंधन को लेकर दिल्ली कांग्रेस में घमासान, चल रहे लेटर बम 

आम आदमी पार्टी (आप) से गठबंधन को लेकर कांग्रेस में हालात ख़राब हो गए हैं। इस मसले पर कांग्रेस के भीतर लेटर वॉर छिड़ गया है और पार्टी दो गुटों में बँट गई है। एक लेटर लिखा गया है दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्षों की ओर से जबकि दूसरा लेटर लिखा गया है शीला दीक्षित और दिल्ली कांग्रेस के तीन कार्यकारी अध्यक्षों की ओर से। इससे कांग्रेस के कार्यकर्ता बेहद उहापोह वाली स्थिति में हैं क्योंकि 'आप' तो पहले ही सातों सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। कहा यह भी जा रहा है कि कांग्रेस और 'आप' में गठबंधन होना तय है और इसकी घोषणा होनी बाक़ी है। दिल्ली में छठे चरण में 12 मई को वोट डाले जाने हैं।
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ख़बरों के मुताबिक़, दिल्ली कांग्रेस के पूर्व अध्यक्षों की ओर से अजय माकन के नेतृत्व में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी को लेटर लिखा गया है। इसमें इस बात की वकालत की गई है कि 'आप' के साथ कांग्रेस का गठबंधन होना चाहिए। वकालत करने वालों में दिल्ली कांग्रेस के तीनों पूर्व अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा, ताजदार बाबर और अरविंदर सिंह लवली शामिल हैं। साथ ही इस बात का भी दावा किया गया है कि दिल्ली में कांग्रेस के 14 जिला अध्यक्षों में से 12 जिला अध्यक्ष 'आप' के साथ गठबंधन चाहते हैं। 
यहाँ यह बताना ज़रूरी है कि यही अजय माकन प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए 'आप' से गठबंधन का खुलेआम विरोध करते थे और केजरीवाल सरकार के ख़िलाफ़ कई बार विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं।
दूसरा लेटर पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्व में राहुल गाँधी को लिखा गया है। इसमें कहा गया है कि 'आप' के साथ क़तई गठबंधन नहीं होना चाहिए। लेटर में कहा गया है कि 'आप' के साथ गठबंधन से कांग्रेस को नुक़सान होगा। लेटर में कहा गया है कि शीला के साथ दिल्ली कांग्रेस के तीनों कार्यकारी अध्यक्ष देवेंद्र यादव, राजेश लिलोठिया और हारुन यूसुफ़ भी 'आप' के साथ किसी तरह के गठबंधन के ख़िलाफ़ हैं। इस लेटर में दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको की ओर से दिल्ली में कराए गए सर्वे का भी विरोध किया गया है। 
बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने गठबंधन पर चर्चा करने के लिए दिल्ली के नेताओं की जो बैठक बुलाई थी उसमें ‘आप’ के साथ न जाने का फ़ैसला किया गया था।
राहुल गाँधी भी खु़द ही मंच से इस बात को कह चुके हैं कि 'आप' के साथ किसी तरह का गठबंधन नहीं होगा। उसके बाद यह माना जा रहा था कि अब दोनों दलों के बीच गठबंधन की संभावनाएँ ख़त्म हो गई हैं और दोनों दल अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे। 
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लेकिन कुछ ही दिन पहले यह ख़बर आई थी कि दिल्ली कांग्रेस के प्रभारी पीसी चाको ने गठबंधन को लेकर एक रिकॉर्डेड ऑडियो मैसेज कांग्रेस के बूथ लेवल के कार्यकर्ताओं को भेजकर राय माँगी थी। सर्वे की रिपोर्ट आने के बाद इसे राहुल गाँधी को भेज दिया गया है और राहुल गाँधी इस पर एक या दो दिन में फ़ैसला ले सकते हैं। रिकॉर्डेड ऑडियो मैसेज की बात सामने आने पर भी शीला दीक्षित ने साफ़ कहा था कि वह 'आप' के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं।
इन दोनों चिट्ठियों के लिखे जाने की बात सामने आने के बाद दिल्ली कांग्रेस में सिर फुटौव्वल की नौबत आ गई है।

पवार के घर हुई थी मुलाक़ात

गठबंधन की संभावनाओं पर बातचीत के दौरान यह ख़बर भी आई थी कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार के घर पर केजरीवाल और राहुल गाँधी की बातचीत हुई थी। लेकिन तब इस पर राहुल गाँधी कोई फ़ैसला नहीं कर पाए थे। तब यह ख़बरें भी सामने आई थीं कि राहुल गाँधी तो गठबंधन के पक्ष में हैं लेकिन दिल्ली के कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता इसके लिए क़तई तैयार नहीं हैं। 

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गठबंधन की चर्चाओं के मद्देनजर यह भी ख़बर आई थी कि कांग्रेस ने आप से तीन सीटें देने की माँग की थी, लेकिन आप ने 1 सीट से ज़्यादा देने से इनकार कर दिया था। इसके बाद बातचीत टूट गई थी। कांग्रेस 1 सीट पर गठंबधन करने को तैयार नहीं थी। इसके बाद केजरीवाल खुले मंच से कहते रहे कि वह गठबंधन को लेकर कांग्रेस को समझा-समझा कर थक चुके हैं, लेकिन कांग्रेस मानने को तैयार नहीं है। केजरीवाल का कहना है कि दिल्ली में बीजेपी को हराने के लिए गठबंधन होना ज़रूरी है। यहाँ तक कि केजरीवाल दिल्ली नहीं तो हरियाणा में ही सही, गठबंधन करने को लेकर कांग्रेस के सामने प्रस्ताव रख चुके हैं। लेकिन इसके बाद भी दोनों दलों में सहमति नहीं बन सकी। अब कांग्रेस में दो गुटों की ओर से लेटर सामने आने के बाद एक बार फिर यह सवाल पूछा जा रहा है कि कांग्रेस और ‘आप’ में गठबंधन होगा या नहीं। 

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क़मर वहीद नक़वी
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