दिल्ली में कन्हैया कुमार पर जो हमला हुआ वो कानूनी रूप से कम महत्वपूर्ण है। हमले में कोई हथियार इस्तेमाल नहीं हुआ, इसलिए हमलावरों को सज़ा भी शायद ही मिले। यह हमला गंभीर इसलिए है क्योंकि यह उस वातावरण को बयां करता है जिस कारण कन्हैया कुमार पर जान का ख़तरा आगे भी बना रहने वाला है।