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नागरिकता क़ानून: भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर गिरफ़्तार

नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन को लेकर भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद को शनिवार दोपहर गिरफ़्तार कर लिया गया। इससे पहले शनिवार तड़के ही उन्हें हिरासत में तब लिया गया था जब उन्होंने जामा मसजिद के बाहर पुलिस के सामने आत्म समर्पण किया था। इससे पहले वह शुक्रवार को दिल्ली में प्रदर्शन और प्रोटेस्ट मार्च में शामिल हुए थे। जबकि आज़ाद को जामा मसजिस से लेकर जंतर मंतर तक प्रोटेस्ट मार्च की अनुमति नहीं थी। तब वह पुलिस से बच निकले थे। बता दें कि शुक्रवार को दिल्ली में ज़बरदस्त प्रदर्शन के बाद क़रीब 40 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इसमें से आठ नाबालिग हैं। 

पुलिस ने कहा है कि सभी नाबालिगों को रिहा कर दिया गया है। 'एनडीटीवी' ने हॉस्पिटल के डॉक्टरों के हवाले से ख़बर दी है कि नाबालिगों के हाथों में चोट थी और एक के सिर में भी चोट आई है। इथर दिल्ली मेट्रो ने कहा है कि सभी मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकासी द्वार खोल दिए गए हैं। पिछले कई दिनों से प्रदर्शन को देखते हुए अलग-अलग मेट्रो स्टेशनों के बंद किया जाता रहा था। 

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बता दें कि शुक्रवार को प्रदर्शन हिंसक हो उठा था। नमाज के दौरान बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जामा मसजिद पर जुटे थे। इसके बाद यहाँ से मार्च शुरू हुआ जिसे पुलिस ने दिल्ली गेट पर रोक लिया था। प्रदर्शनकारी जंतर-मंतर तक जाना चाहते थे लेकिन पुलिस ने उन्हें अनुमति नहीं दी। थोड़ी देर बाद प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए और उन्होंने एक गाड़ी में आग लगा दी। 

प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने पानी की बौछारें छोड़ी। कुछ रिपोर्टों में कहा गया कि पुलिस ने लाठीचार्ज भी किया। हालाँकि पुलिस ने इससे इनकार किया है कि इसने लाठीचार्ज किया था। इसने कहा कि सिर्फ़ पानी की बौछारों के साथ हल्का बल प्रयोग किया गया। 

पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दिल्ली गेट से खदेड़ा तो उन्होंने एक बार फिर जामा मसजिद के आगे इकट्ठा होकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। तभी पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया।

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प्रदर्शन को समर्थन देने के लिए भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आज़ाद भी पहुँचे थे। आज़ाद को दिल्ली पुलिस ने जामा मसजिद से जंतर-मंतर तक मार्च निकालने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था। प्रदर्शन के दौरान ही दिल्ली पुलिस ने चंद्रशेखर को हिरासत में लेने की कोशिश की थी लेकिन उनके समर्थकों ने उन्हें वहाँ से बाहर निकाल दिया।
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क़मर वहीद नक़वी
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