यूपी, बिहार, राजस्थान, मध्यप्रदेश सहित पूरे उत्तर भारत में जिस तरह से चुनाव में वोट देने के लिए मुख्य तौर पर जाति का मुद्दा छाया रहता है, क्या उस तरह से जाति का मुद्दा दिल्ली में है? यदि ऐसा नहीं है तो फिर आख़िर किस आधार पर आप और बीजेपी के बीच वोटर बँटे हुए हैं? क्या वोटर सामाजिक-आर्थिक आधार पर बँटे हुए हैं और इसी आधार पर राजनीतिक दलों को वोट देते हैं?
दिल्ली में वोट देने वालों के लिए जाति मुद्दा नहीं? जानें कैसे बँटे हैं वोटर
- दिल्ली
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- 29 Mar, 2025
दिल्ली विधानसभा चुनाव में क्या जाति मुद्दा वोटरों के लिए महत्वपूर्ण नहीं है? जानें आप और बीजेपी के बीच वोटरों का बँटवारा कैसे हो रहा है।

इसको समझने के लिए राजीतिक दलों के घोषणा-पत्र, पिछले चुनावों में वोटिंग का पैटर्न और राजनीतिक दलों द्वारा उतारे जाने वाले उम्मीदवारों को देखा जा सकता है। वैसे, इन मामलों में यूपी-बिहार जैसे उत्तर भारत के राज्यों में तो मतदाता साफ़ तौर पर जाति आधार पर बँटे दिख जाते हैं, लेकिन दिल्ली के मामले में ऐसा नहीं दिखता। दिल्ली में वोटर जाति से ज़्यादा सामाजिक आर्थिक आधार पर बँटे दिखते हैं।