विभाग ने कहा है कि वह ऐसी "फ्रॉड गतिविधियों" की वजह से किसी भी देनदारी या धोखाधड़ी के लिए ज़िम्मेदार नहीं होगा। महिला एवं बाल विकास विभाग ने एक नोटिस में कहा कि महिला सम्मान योजना नामक कोई योजना अधिसूचित नहीं की गयी है। उसने कहा कि "जब भी ऐसी योजना अधिसूचित की जाएगी, महिला एवं बाल विकास विभाग (डब्ल्यूसीडी), दिल्ली सरकार, पात्र व्यक्तियों के लिए अनुमोदित दिशानिर्देशों के अनुसार आवेदन ऑनलाइन जमा करने के लिए एक डिजिटल पोर्टल लॉन्च करेगा। पात्रता की शर्तें और तौर-तरीके होंगे। ऐसा होने पर विभाग द्वारा स्पष्ट रूप से सूचित किया जाएगा। इस बात पर जोर दिया गया है कि चूंकि ऐसी कोई योजना मौजूद नहीं है, इसलिए इस गैर-मौजूद योजना के तहत पंजीकरण के लिए भौतिक फॉर्म/आवेदन का सवाल ही नहीं उठता है। इसके नाम पर फॉर्म या सूचनाएं एकत्रित करना योजना "कपटपूर्ण और बिना किसी अधिकार के" है। विभाग ने चेतावनी दी है कि सार्वजनिक डोमेन में व्यक्तिगत जानकारी साझा करने से लोग साइबर अपराध का शिकार हो सकते हैं।