कांग्रेस ने आरोप लगाया कि एमसीडी उपचुनाव की वोटर लिस्ट में गंभीर अनियमितताएँ हैं। पार्टी ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर तत्काल जांच और सुधार की मांग की। क्या राजनीतिक विवाद और गहराएगा?
दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव
कांग्रेस ने लोकसभा और विधानसभा के बाद अब दिल्ली नगर निगम यानी एमसीडी उपचुनाव के लिए तैयार वोटर सूची में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त यानी सीईसी को एक पत्र लिखकर अशोक विहार वार्ड में वोटर लिस्ट में गंभीर गड़बड़ियों का आरोप लगाया है। यादव ने दावा किया है कि वोटरों की सूची से मजदूर वर्ग के मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं, जो एक सुनियोजित साजिश लगती है। उन्होंने निर्वाचन आयोग से तत्काल सुधार की मांग की है, नहीं तो गृह मंत्रालय के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी है।
यह पत्र एमसीडी के 12 वार्डों में 30 नवंबर को होने वाले उपचुनावों के ठीक छह दिन पहले आया है, जब नामांकन प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और नामों की जाँच का दौर चल रहा है। कांग्रेस का यह आरोप बीजेपी पर निशाना साधते हुए विपक्षी दलों के बीच तनाव को और बढ़ा सकता है।
यादव के पत्र में क्या है?
पत्र में देवेंद्र यादव ने अशोक विहार वार्ड के वोटर लिस्ट में पुराने मतदाताओं के नामों को हटाए जाने का जिक्र किया है। उन्होंने लिखा, 'मैं पुराने मतदाताओं के अधिकारों की चोरी और विनाश को उजागर करना चाहता हूँ। यह वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र का 13वां यूनिट है। यहाँ अधिकांश मज़दूर रहते हैं, जिसका मतलब साफ़ है कि मज़दूरों के मताधिकार एक साज़िश के तहत चुराए गए हैं।'
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार पत्र में आगे कहा गया है, 'दिल्ली में 12 ऐसे यूनिट हैं जिनके ख़त्म होने की तारीफ़ 30 नवंबर 2025 है और अन्य निगमों में भी ऐसी बड़ी घटना की पूरी संभावना है। मैं आपसे अनुरोध करता हूँ कि सभी निगमों में इस प्रकार की सूचना चोरी को तत्काल सुधारें; नहीं तो हम गृह मंत्रालय के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने को मजबूर होंगे।'कांग्रेस का दावा है कि वजीरपुर औद्योगिक क्षेत्र के मजदूरों के नाम वोटर लिस्ट से गायब हैं। ये मुख्य रूप से प्रवासी हैं। यह आरोप एमसीडी चुनावों में पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है, खासकर तब जब नामांकन की अंतिम तिथि 10 नवंबर को गुजर चुकी है।
132 नामांकन, महिलाओं का दबदबा
10 नवंबर को 12 वार्डों के लिए कुल 132 नामांकन पत्र जमा हुए, जिनमें 59 पुरुष और 74 महिला उम्मीदवार शामिल हैं। महिलाओं के नामांकन शालीमार बाग-बी, अशोक विहार, द्वारका-बी, डिचां कलां और ग्रेटर कैलाश जैसे प्रमुख क्षेत्रों से आए हैं। यह एमसीडी चुनावों में महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।नामांकन की जांच 12 नवंबर को हुई, जबकि नाम वापसी की अंतिम तिथि 15 नवंबर थी। अब 30 नवंबर को वोटिंग होगी और परिणाम उसी दिन घोषित होने की संभावना है।
एमसीडी में सत्ता की जंग
ये उपचुनाव एमसीडी में बीजेपी की सत्ता को मज़बूत करने का मौक़ा हैं, जबकि कांग्रेस और आप इसे विपक्ष के रूप में मज़बूत करने के लिए देख रहे हैं। 2023 के एमसीडी चुनावों में आप ने बहुमत हासिल किया था, लेकिन हाल के राजनीतिक बदलावों (2025 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में बीजेपी की जीत के बाद) ने सियासी समीकरण बदल दिए हैं। अशोक विहार जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में वोटर लिस्ट विवाद मजदूर वोट बैंक को प्रभावित कर सकता है, जो तीनों दलों के लिए अहम है।