दिल्ली में पॉजिटिविटी दर लगातार दो दिनों तक 0.5% रहती है तो 'येलो' अलर्ट जारी किया गया था तो अब 5% से ज़्यादा होने पर क्या रेड अलर्ट जारी होगा? ऐसे में क्या पड़ेगा असर?
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने सोमवार को कहा है कि दिल्ली में कोरोना के नए मामलों की संख्या 4,000 को पार कर गई है और पॉजिटिविटी दर 6% से ज़्यादा हो गई है। दिल्ली में आज दर्ज किए गए 4,099 मामले साढ़े सात महीनों में सबसे ज़्यादा हैं। तो कोरोना संक्रमण की ऐसी चिंताजनक स्थिति के बाद क्या राष्ट्रीय राजधानी में 'रेड' अलर्ट जारी किया जाएगा?
दिल्ली में फ़िलहाल 'येलो' अलर्ट जारी है। इसके तहत बाजारों की दुकानों को ऑड-ईवन के आधार पर खोलने की अनुमति है। वहीं मेट्रो और सार्वजनिक परिवहन में संख्या सीमित करने के साथ कुछ और पाबंदियां भी लगाई गई हैं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 28 दिसंबर को येलो अलर्ट की घोषणा करते हुए कहा था कि चूँकि पिछले कुछ दिनों से कोरोना की पॉजिटिविटी दर 0.5% से ऊपर रही है, इसलिए हम ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के लेवल-I यानी येलो अलर्ट को लागू कर रहे हैं। ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के अनुसार, यदि पॉजिटिविटी दर लगातार दो दिनों तक 0.5% रहती है तो 'येलो' अलर्ट जारी किया जाता है।
इसी ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत ही 'अंबर', 'ऑरेंज' और 'रेड' अलर्ट जारी किया जाता है। अंबर अलर्ट तब जारी किया जाता है जब संक्रमण दर लगातार 2 दिन तक एक फ़ीसदी आता है या एक हफ्ते में 3500 नए केस आते हैं।
ऑरेंज अलर्ट तब जारी किया जाता है, जब लगातार 2 दिन तक पॉजिटिविटी रेट 2 फ़ीसदी से ज़्यादा बनी रहती है। हफ्ते में यदि 9 हजार से अधिक केस आते हैं तब ये लागू किया जाता है। लेकिन दिल्ली में इतनी तेज़ी से केस बढ़े कि येलो अलर्ट जारी होने के एक हफ़्ते के अंदर ही पॉजिटिविटी दर 6 फ़ीसदी से ज़्यादा हो गई और एक दिन में 4000 से ज़्यादा केस आने लगे। इसीलिए सवाल उठता है कि क्या अब 'रेड' अलर्ट जारी किया जाएगा?
आम तौर पर नियम तो यह है कि यदि पॉजिटिविटी दर 5% को पार करती है और लगातार दो दिनों तक उससे ऊपर रहती है या 3,000 बिस्तर भर जाते हैं तो राष्ट्रीय राजधानी में रेड अलर्ट घोषित किया जा सकता है।