क्या मशहूर वकील महमूद प्राचा को दिल्ली पुलिस इसलिए निशाना बना रही है कि वे दिल्ली दंगों में मुसलमानों की पैरवी कर रहे हैं? क्या वे गृह मंत्रालय के निशाने पर इसलिए हैं कि उन्होंने 22 आरएसएस कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ सबूत पेश कर उन्हें गिरफ़्तार करवाया था?
दंगों में मुसलमानों की पैरवी कर रहे प्राचा पुलिस के निशाने पर?
- दिल्ली
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- 26 Dec, 2020
क्या मशहूर वकील महमूद प्राचा को दिल्ली पुलिस इसलिए निशाना बना रही है कि वे दिल्ली दंगों में मुसलमानों की पैरवी कर रहे हैं? क्या वे गृह मंत्रालय के निशाने पर इसलिए हैं कि उन्होंने 22 आरएसएस कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ सबूत पेश कर उन्हें गिरफ़्तार करवाया था?

ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं कि दिल्ली पुलिस ने न सिर्फ उनके दफ़्तर पर छापे मारे हैं, बल्कि प्राचा के अनुसार उनके सहयोगियों को पीटा है और उनसे बदतमीज़ी की है। मीडिया रिपोर्ट यह भी है कि दिल्ली पुलिस ने उनके कुछ मुवक्क़िलों पर दबाव बनाया है कि वे प्राचा को अपने मुक़दमों से हटा दें और वे मामले वापस ले लें।
क्या है मामला?
बता दें कि दिल्ली पुलिस ने दिल्ली दंगों से जुड़े एक मामले के सिलसिले में शुक्रवार को महमूद प्राचा की क़ानूनी कंपनी 'लीगल एक्सिस' के दफ़्तर पर छापा मारा। पुलिस ने अगस्त में ही कहा था कि इस मशहूर वकील ने एक मामले में फ़र्जी दस्तावेज पेश किया और एक व्यक्ति से कहा था कि वह गवाह बन कर ग़लत जानकारी अदालत को दे। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने इसकी सुनवाई करने के बाद कहा था कि यह अच्छा होगा कि सीबीआई या पुलिस की विशेष शाखा इस मामले की जाँच करे। इसके बाद प्राचा के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज किया गया और फिर छापा मारा गया।
विशेष शाखा ने एक बयान में कहा है कि जाँच अधिकारी ने पूरा संयम बरता, पूरे छापे की वीडियो रिकॉर्डिंग की गई है। महमूद प्राचा और उनके सहयोगियों के दुर्व्यवहार की शिकायत स्थानीय थाने में की गई है। दूसरी ओर प्राचा ने दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में इस मामले की शिकायत की है और विशेष सेल के खिलाफ़ मामला दर्ज कराया है। अदालत ने विशेष शाखा से छापे का वीडियो फ़ुटेज पेश करने को कहा है।