आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन के ख़िलाफ़ पीडब्ल्यूडी भर्ती मामले में दिल्ली कोर्ट ने चौंकाने वाला फ़ैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस केस को बंद कर दिया है। चार साल की जांच के बाद सीबीआई ने माना कि जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई सबूत नहीं मिला और इस मामले में इसने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की। तो अब बीजेपी पर सवाल उठ रहे हैं- क्या यह एक राजनीतिक साजिश थी? अब क्या जवाबदेही होगी?
दिल्ली कोर्ट ने सत्येंद्र जैन के खिलाफ भ्रष्टाचार केस बंद किया: CBI को नहीं मिला सबूत
- दिल्ली
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- 4 Aug, 2025
दिल्ली की अदालत को सत्येंद्र जैन पर चले भ्रष्टाचार मामले को बंद क्यों करना पड़ा? CBI ने चार साल में आख़िर क्या सबूत जुटाए और यदि कोई सबूत नहीं थे तो केस अब तक कैसे चला? जानिए इस फैसले के राजनीतिक मायने।

यह मामला मई 2018 में दिल्ली सरकार के सतर्कता विभाग की शिकायत पर शुरू हुआ था। शिकायत में आरोप लगाया गया था कि उस समय दिल्ली सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येंद्र जैन ने 17 सदस्यीय सलाहकारों की एक 'क्रिएटिव टीम' की भर्ती को मंजूरी दी थी। यह भर्ती कथित तौर पर सरकारी भर्ती प्रक्रियाओं को दरकिनार करते हुए आउटसोर्सिंग के ज़रिए की गई थी। सतर्कता विभाग ने दावा किया था कि जैन और अन्य पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने निविदा की शर्तों में बदलाव करके एक निजी कंपनी सोनी डिटेक्टिव्स एंड एलाइड सर्विसेज को फायदा पहुंचाया। इसके अलावा यह भी आरोप लगाया गया था कि भर्ती के लिए अनधिकृत बजट आवंटन किया गया और परियोजना के फंड का दुरुपयोग हुआ।