नाम 'शांति मार्च'। और नारे लगाए गए- 'किसी को मत माफ़ करो, जिहादियों को साफ़ करो', 'देश के गद्दारों को, गोली मारो ... को'। यह कैसा शांति मार्च! क्या बंदूक़ की गोली से कभी शांति आ सकती है? दिल्ली दंगे के बीच बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने शनिवार को यह शांति मार्च निकाला था। यह वही नेता हैं जिन्होंने पहली बार दिल्ली चुनाव के दौरान 'गोली मारो' वाले नारे का इस्तेमाल किया था और बाद में जिसे अनुराग ठाकुर ने भी लगाया था। और यह वही नेता हैं जिन्होंने दिल्ली हिंसा से पहले जाफ़राबाद में 'भड़काऊ' रैली निकाली थी और धमकी दी थी। तब उन्होंने चेताया था '...आप सबके (अपने समर्थक) बिहाफ़ पर यह बात कह रहा हूँ, ट्रंप के जाने तक तो हम शांति से जा रहे हैं लेकिन उसके बाद हम आपकी भी नहीं सुनेंगे यदि रास्ते खाली नहीं हुए तो... ठीक है?' कपिल मिश्रा के इस भाषण पर दिल्ली हाई कोर्ट ने भी शख्त नाराज़गी जताई थी। अब जब उनके शांति मार्च में 'गोली मारो ... को' का नारा लगेगा तो शांति बहाली होगी या लोग भड़केंगे?
कपिल मिश्रा के 'शांति मार्च' में ‘गोली मारो’ के नारे क्यों?
- दिल्ली
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- 1 Mar, 2020
नाम 'शांति मार्च'। और नारे लगाए गए- 'किसी को मत माफ़ करो, जिहादियों को साफ़ करो', 'देश के गद्दारों को, गोली मारो ... को'। यह कैसा शांति मार्च! क्या बंदूक़ की गोली से कभी शांति आ सकती है?
