प्रवासी मजदूरों का डर भी जायज है, वे जानते हैं कि पिछली बार वे सैकड़ों किमी. चलकर अपने घर पहुंच पाए थे और उनके कई साथियों ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया था। रास्ते में दूसरे राज्यों की पुलिस ने उनके साथ बेहद अमानवीय व्यवहार किया था।
मुंबई के रेलवे स्टेशनों पर उमड़ रही प्रवासी मजदूरों की भीड़ में यूपी, बिहार, मध्य प्रदेश से लेकर बाक़ी कई राज्यों के मजदूर भी शामिल हैं। जब टिकट नहीं मिलता तो ये लोग प्लेटफ़ॉर्म पर ही सो जाते हैं और अगली ट्रेन जो उन्हें मंजिल तक पहुंचा सके, उसका इंतजार करते हैं।