loader
फाइल फोटो

संजय सिंह ने जताई यातना दिए जाने की आशंका, कोर्ट से लगाई गुहार

दिल्ली शराब घोटाला केस में गिरफ्तार किये गये आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह इन दिनों ईडी (प्रवर्तन निदेशालय ) की रिमांड में हैं। वे 10 अक्टूबर तक ईडी की रिमांड में रहेंगे।
इस बीच शनिवार को संजय सिंह ने  ईडी द्वारा उन्हें पुलिस लॉकअप में स्थानांतरित करने की कोशिश' के खिलाफ राउज एवेन्यू कोर्ट में एक आवेदन दायर किया है। अपने वकील के माध्यम से दायर इस आवेदन में संजय सिंह ने आशंका जताई है कि सीसीटीवी कैमरे की नजर से दूर ले जाकर उन्हें यातना दी जा सकती है। 

इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक ईडी ने कथित तौर पर आप सांसद संजय सिंह को उस सेल में कीटनाशक के छिड़काव का हवाला देते हुए अपने मुख्यालय के परिसर से तुगलक रोड पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित करने की कोशिश की है, जहां उन्हें रखा गया था।
संजय सिंह ने राउज एवेन्यू कोर्ट में दायर अपने आवेदन में आरोप लगाया है कि ईडी उन्हें स्थानीय पुलिस स्टेशन लॉकअप में स्थानांतरित करने के लिए "काल्पनिक" आधार बना रहा है, जहां उन्हें सीसीटीवी कैमरे की नजर से दूर यातना दी जा सकती है।  
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है कि 5 अक्टूबर को हिरासत में पहली रात के बाद संजय सिंह से मुलाकात के बाद उनकी ओर से आवेदन देने वाले अधिवक्ताओं ने इसकी जानकारी दी है। 
अधिवक्ताओं ने कहा है कि देर रात, ईडी ने उन्हें डॉ एपीजे अब्दुल कलाम रोड स्थित अपने मुख्यालय के परिसर से स्थानीय तुगलक रोड पुलिस स्टेशन में स्थानांतरित करने की कोशिश की थी। इसके पीछे उस सेल में कीटनाशक के छिड़काव का हवाला दिया गया जहां उसे रखा गया था। 
इस स्थानांतरण के कारण के बारे में पूछे जाने पर अभियुक्त को बहुत ही अजीब जवाब दिया गया कि प्रस्तावित स्थानांतरण लॉकअप में कीटनाशकों के उपयोग के कारण किया जा रहा है। इस आवेदन के अनुसार,संजय सिंह को यह आशंका थी कि उन्हें तुगलक रोड पुलिस स्टेशन में शिफ्ट कर यातना दी जा सकती थी। इसके लिए काल्पनिक आधार बना कर शिफ्ट किया जा रहा था। 
ताजा ख़बरें

दावाः लॉक अप के बाहर सोने के लिए मजबूर किया गया

इंडियन एक्सप्रेस की इस रिपोर्ट में कहा गया है कि आप सांसद संजय सिंह की ओर से कोर्ट में दायर किए गये इस आवेदन में कहा गया है कि यह बात भी समझ से परे है कि जांच एजेंसी के पास पूरे मुख्यालय में सिर्फ एक ही लॉक अप है। 
इसमें उन्होंने कहा है कि उस लॉकअप में अगर उनके दावे के मुताबिक कीटनाशक का उपयोग किया गया है तो एजेंसी को उन्हें मुख्यालय में स्थित दूसरे लॉकअप या रिमांड रुम में शिफ्ट करना चाहिए। 
कोर्ट में दिए गए इस आवेदन के अनुसार,संजय सिंह ने दावा किया है कि जब उन्होंने शिफ्ट होने से इंकार कर दिया तब उन्हें लॉक अप के बाहर सोने के लिए मजबूर किया गया और उनके साथ अमानवीय व्यवहार किया गया। 
इस आवेदन में कोर्ट से गुहार लगाई गई है कि ईडी को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि संजय सिंह से पूछताछ सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित दिशा निर्देशों के अनुसाकर केवल सीसीटीवी कवरेज वाले स्थान पर ही की जाए। साथ ही पूछताछ के उस सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित भी किया जाये।
दिल्ली से और खबरें

4 अक्टूबर को गिरफ्तार हुए थे संजय सिंह 

आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह को ईडी ने 4 अक्टूबर की शाम को गिरफ्तार कर लिया था। इससे पहले उनके दिल्ली स्थित घर पर इस दिन सुबह 7 बजे ईडी की टीम ने छापा मारा था। दिन भर उनसे पूछताछ हुई थी। 
दिल्ली में हुए कथित शराब घोटाले से जु़ड़े केस में उन्हें गिरफ्तार किया गया है। इस केस की चार्जशीट में संजय सिंह का भी नाम है। इसी केस में दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जेल में बंद हैं। ईडी का आरोप है कि आप की जब दूसरी बार सरकार बनी, तब उस दौरान शराब नीति को लेकर ऐसे नियम बनाए गए ताकि कुछ लोगों को विशेष तौर पर लाभ हो। 
जिस समय ये शराब नीति बनाई गई, उस समय मनीष सिसोदिया मंत्री थे। ईडी का दावा है कि इस घोटाले से जुड़े तार संजय सिंह से भी जुड़े हैं। उनकी गिरफ्तारी के बाद दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने 5 अक्टूबर को संजय सिंह को ईडी की पांच दिनों की हिरासत में भेज दिया था। 
ईडी ने यह आरोप लगाते हुए 10 दिन की हिरासत मांगी थी कि सिंह के आधिकारिक नॉर्थ एवेन्यू आवास पर 2 करोड़ रुपये की अवैध नकदी का आदान-प्रदान हुआ। सिंह को मामले में "प्रमुख साजिशकर्ता" बताते हुए, ईडी ने अपने रिमांड आवेदन में कहा कि वह "कई आरोपियों और संदिग्धों" से निकटता से जुड़े हुए हैं। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें