कोरोना काल में मानवीय संवेदनाएं इस तरह कुंद हो गई हैं कि लोग अपने निकटतम परिजनों, यहाँ तक कि माता-पिता तक को, बेसहारा छोड़ दे रहे हैं। कोरोना की वजह से मारे गए माता पिता या दूसरे रिश्तेदारों का अंतिम संस्कार नहीं करने की कई घटनाएं सामने आई हैं।