loader

वीवीपीएटी पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब क्या बदलाव दिखेगा? 

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सभी ईवीएम मतों का वीवीपैट पर्चियों से 100 प्रतिशत सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया था। ऐसे में अब यह जानना जरूरी है कि कोर्ट के फैसले के बाद क्या बदलेगा और क्या नहीं बदलेगा। 

द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट कहती है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से मतदाताओं के लिए कुछ भी नहीं बदलेगा, वहीं उम्मीदवारों को चुनाव के बाद 5 प्रतिशत ईवीएम के सत्यापन की मांग करने की अनुमति दी जाएगी। 

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद जो चीजें नहीं बदलेंगे उसमें यह होगा कि इस फैसले से मतदाताओं के लिए बिल्कुल कोई बदलाव नहीं आया है। ईवीएम का उपयोग करके मतदान जारी रहेगा, जिसमें 100 प्रतिशत मशीनें वीवीपैट इकाई से जुड़ी होंगी।

इसके अलावा, मौजूदा प्रावधानों के अनुसार, ईवीएम की गिनती के साथ सत्यापन के लिए पांच यादृच्छिक रूप से चयनित विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों या खंडों की वीवीपीएटी पर्चियों की गिनती की जाएगी।

इस मामले में याचिकाकर्ता एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने वीवीपैट पर्चियों की 100 प्रतिशत गिनती की मांग की थी।

दिल्ली से और खबरें

फैसले के बाद क्या बदल गया

द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट कहती है सुप्रीम कोर्ट ने कुछ विशिष्ट बदलाव करने का आदेश दिया है। हालांकि चुनाव आयोग (ईसी) के लिए मतदान आयोजित करने के तरीके में बहुत कुछ नहीं बदला है, शीर्ष अदालत ने चुनाव आयोग को चुनाव के बाद कुछ नई प्रक्रियाएं अपनाने का निर्देश दिया है।
सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग को परिणाम घोषित होने के बाद 45 दिनों के लिए सिंबल लोडिंग यूनिटों (एसएलयू) को सील करने और संग्रहीत करने का निर्देश दिया है। एसएलयू मेमोरी इकाइयां हैं जो पहले चुनाव सिंबलों या चिन्हों को लोड करने के लिए कंप्यूटर से जुड़ी होती हैं, और फिर वीवीपैट मशीनों पर उम्मीदवारों के सिंबलों को दर्ज करने के लिए उपयोग की जाती हैं। अब इन एसएलयू को ईवीएम की तरह ही खोला, जांचा और निपटाया जाएगा। 

ताजा ख़बरें

उम्मीदवार के लिखित अनुरोध पर होगा सत्यापन

रिपोर्ट कहती है कि चुनाव आयोग के सूत्रों के अनुसार, प्रति विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में वीवीपैट पर सिंबलों को लोड करने के लिए एक से दो एसएलयू का उपयोग किया जाता है। अपने इस फैसले से सुप्रीम कोर्ट ने उम्मीदवारों को ईवीएम के सत्यापन की मांग करने में सक्षम बनाया है। यह सत्यापन उम्मीदवार द्वारा लिखित अनुरोध किए जाने के बाद किया जाएगा और ईवीएम निर्माताओं के इंजीनियरों की एक टीम द्वारा किया जाएगा। 
फैसले के मुताबिक, उम्मीदवार या उनके प्रतिनिधि मतदान केंद्र या सीरियल नंबर से ईवीएम की पहचान कर सकते हैं। अदालत ने कहा कि सत्यापन के लिए अनुरोध परिणाम घोषित होने के सात दिनों के भीतर करना होगा और उम्मीदवारों को इसका खर्च वहन करना होगा, जो ईवीएम के साथ छेड़छाड़ पाए जाने पर वापस कर दिया जाएगा। 
इन दो अहम निर्देशों के अलावा, सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि चुनाव आयोग इस सुझाव की "जांच" कर सकता है कि वीवीपैट पर्चियों की गिनती इंसानों के बजाय गिनती मशीन का उपयोग करके की जा सकती है। सुनवाई के दौरान यह सुझाव दिया गया कि वीवीपैट पर्चियों पर बारकोड मुद्रित हो सकता है, जिससे मशीन से गिनती करना आसान हो जाएगा।
अदालत ने कहा कि चूंकि यह एक तकनीकी पहलू है जिसके मूल्यांकन की आवश्यकता होगी, इसलिए उसने किसी भी तरह की टिप्पणी करने से परहेज किया है। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

दिल्ली से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें