ज़रा कल्पना कीजिए कि दिल्ली में कांग्रेस की सरकार होती और पुलवामा जैसी कोई घटना हो जाती और उसी वक़्त सऊदी अरब का शाहज़ादा पाकिस्तान जाकर 20 बिलियन डॉलर के निवेश की घोषणा करता तो आप ही बताइए कि क्या बीजेपी उसे भारत आने देती? वह ऐसा हंगामा खड़ा करती कि राजीव गाँधी या मनमोहन सिंह के छक्के छूट जाते। इसीलिए कांग्रेस के प्रवक्ताओं ने सऊदी शाहज़ादे मुहम्मद बिन सलमान की भारत-यात्रा पर जो ताने मारे हैं, वे स्वाभाविक हैं।