Dalit IPS Y Puran Kumar Death: हरियाणा के दलित आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की पत्नी ने चंडीगढ़ पुलिस पर पोस्टमार्टम में जल्दबाजी और लापरवाही का आरोप लगाया है। सरकार ने लीपापोती के लिए एसआईटी बनाई है। मायावती ने बीजेपी को बचाते हुए बयान दिया है।
वाई पुरन कुमार को श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लगा हुआ है। दलित नेता भी बोल रहे हैं
वाई पुरन कुमार मामले का अपडेट
- काफी आरोप लगने के बाद हरियाणा सरकार ने शनिवार को रोहत के एसपी नरेंद्र बिजरनिया को हटाया।
- सरकार ने डीजीपी शत्रुजीत कपूर के मामले में पूरी तरह चुप्पी साध रखी है। सूत्रों ने कहा- उन्हें छुट्टी पर भेजा जा सकता है
- पुरन कुमार की पत्नी आईएएस अमनीत कुमार ने शनिवार को कहा कि पुलिस पोस्टमॉर्टम में जल्दबाज़ी क्यों कर रही है।
- कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने पुरन कुमार की मौत पर दुख जताते हुए अमनीत को पत्र लिखा है।
- बीएसपी नेता मायावती ने बीजेपी को बचाते हुए कहा कि दलितों के साथ ऐसा अन्याय लंबे समय से हो रहा है।
- भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद शनिवार को चंडीगढ़ जाकर पुरन कुमार की पत्नी से मिलने वाले हैं।
- कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला और दीपेंद्र हुड्डा आईपीएस पुरन कुमार के घर श्रद्धांजलि देने पहुंचे।
- सुरजेवाला ने कहा- जब एक आईपीएस के साथ ऐसा हो रहा है तो देश की बाकी जनता के साथ क्या हो रहा होगा, अंदाजा लगाया जा सकता है।
दलित आईपीएस वाई पुरन कुमार की मौत के मामले में हरियाणा सरकार और आला पुलिस अफसर लगातार विवादों में घिरते जा रहे हैं। पुरन कुमार की रहस्यमय मौत के मामले में उनकी पत्नी और सीनियर आईएएस अधिकारी अमनीत पी. कुमार ने चंडीगढ़ पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। अमनीत ने पुलिस की 'जल्दबाजी' और शव के साथ 'अपमानजनक' व्यवहार पर कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने खुद को दलित विधवा बताते हुए कहा कि पुलिस ने परिवार की सहमति के बिना शव को सेक्टर-16 अस्पताल से पीजीआई ले जाकर महत्वपूर्ण सबूत नष्ट करने का प्रयास किया।
अमनीत ने कहा, "परिवार की सहमति बेकार है तो चंडीगढ़ पुलिस शव के साथ जो चाहे कर ले। मैं अब तक चुप रही हूं, लेकिन यह सब हाथ से बाहर हो गया है। इतनी जल्दबाजी क्यों? पुलिस अपनी करतूतों की सफाई दे।" उन्होंने आरोप लगाया कि शव को एक जगह से दूसरी जगह ले जाते समय संभावित सबूत नष्ट हो सकते हैं, और इसकी पूरी जिम्मेदारी चंडीगढ़ पुलिस की होगी। परिवार ने घटनाक्रम से गहरा आघात महसूस किया है, जबकि शव अभी भी पीजीआई में है। पोस्टमॉर्टम हो रहा है। समझा जाता है कि आज अंतिम संस्कार हो जाएगा।
परिवार ने हरियाणा के डीजीपी शत्रुजीत सिंह कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजरनिया समेत कई अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर की मांग की। अमनीत ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को शिकायत सौंपी, जिसमें सुसाइड नोट और उत्पीड़न के सबूतों का हवाला दिया गया। 9 अक्टूबर को सीएम से मुलाकात के दौरान परिवार ने साफ कहा कि एफआईआर दर्ज होने और बेटी के अमेरिका से लौटने तक पोस्टमॉर्टम या अंतिम संस्कार नहीं होगा। मुख्यमंत्री ने घर पर आकर आरोपी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने को कहा लेकिन वहां से लौटने के बाद उन्होंने चुप्पी साध ली।
पुरन कुमार केस में रोहतक के एसपी बिजरनिया को हटाया
पुरन कुमार की आत्महत्या के मामले में परिवार द्वारा "कार्रवाई" की मांग के चार दिन बाद, हरियाणा सरकार ने शनिवार को रोहतक के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नरेंद्र बिजरनिया को उनके पद से हटाकर सुरिंदर सिंह भोरिया को नियुक्त कर दिया। आईपीएस अधिकारी का सुसाइड नोट मिलने के बाद, परिवार ने शुरुआत में डीजीपी और रोहतक के एसपी की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की थी। हालाँकि, अभी यह साफ नहीं है कि एफआईआर में आरोपी अधिकारियों के नाम शामिल किए गए हैं या नहीं। विपक्ष का कहना है कि पूरी सरकार डीजीपी शत्रुजीत कपूर को बचाने में जुटी है। एसआईटी का गठन लीपापोती, एक्शन क्यों नहीं
10 अक्टूबर को चंडीगढ़ पुलिस ने आईपीसी की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और एससी/एसटी एक्ट के तहत हरियाणा डीजीपी कपूर और रोहतक एसपी बिजरनिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। छह सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया गया, जिसका नेतृत्व आईजी पुष्पेंद्र कुमार करेंगे। एसआईटी को निष्पक्ष और समयबद्ध जांच का जिम्मा सौंपा गया है। हालांकि दलित संगठनों और विपक्षी दलों का कहना है कि एसआईटी का गठन सरकार ने लीपापोती के लिए किया है। हरियाणा पुलिस के अधिकारी अपने डीजीपी के खिलाफ कैसे जांच कर पाएंगे। जब तक डीजीपी को हटाया नहीं जाता है, तब तक निष्पक्ष जांच संभव ही नहीं है। पुरन कुमार की पत्नी अमनीत इसीलिए बार-बार डीजीपी और एसपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रही है। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने भी चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी कर जातिगत भेदभाव के आरोपों पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। दलित संगठनों के लोग पुरन कुमार के आवास पर आकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं और हरियाणा सरकार की कारगुज़ारी की निन्दा कर रहे हैं।
पुरन कुमार 2001 बैच के आईपीएस अधिकारी थे, जो हाल ही में रोहतक रेंज से पीटीसी सुनारिया जेल ट्रांसफर किए गए थे। परिवार का आरोप है कि यह 'सजा' पोस्टिंग थी, जो मानसिक दबाव का कारण बनी। इस घटना ने पुलिस विभाग में जातिगत भेदभाव और कार्यस्थल उत्पीड़न पर बहस छेड़ दी है।
तीन दिन बाद जागी आईपीएस एसोसिएशन
आईपीएस एसोसिएशन ने तीन दिन बाद इस मौत पर प्रतिक्रिया दी। एसोसिएशन ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा है- आईपीएस एसोसिएशन वाई. पुरन कुमार, आईपीएस के असामयिक निधन पर अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करता है। इस कठिन समय में हमारी संवेदनाएँ उनके परिवार और प्रियजनों के साथ हैं। हम शोक संतप्त परिवार के साथ दृढ़ता से खड़े हैं और इस दुःख की घड़ी में पूर्ण सहयोग प्रदान करते हैं।
हरियाणा आईएएस ऑफिसर्स एसोसिएशन ने भी वाई पूरन कुमार, आईपीएस के दुखद और असामयिक निधन पर प्रस्ताव पारित किया है।
सोनिया गांधी ने अमनीत को पत्र लिखा
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शनिवार को आईपीएस अधिकारी वाई पुरन कुमार की पत्नी अमनीत पी कुमार को एक शोक पत्र लिखा। अमनीत ने राज्य के वरिष्ठ पुलिसकर्मियों द्वारा लंबे समय से जाति आधारित भेदभाव का हवाला देते हुए आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने लिखा, "वाई पुरन कुमार के निधन से पता चलता है कि सत्ताधारियों के भेदभावपूर्ण रवैये और पूर्वाग्रहों के कारण उच्चतम स्तर के अधिकारियों को भी सामाजिक न्याय से वंचित किया जा सकता है। न्याय की आपकी लड़ाई में करोड़ों भारतीय आपके साथ खड़े हैं।" इससे पहले नेता विपक्ष राहुल गांधी ने पुरन कुमार की मौत पर दुख जताते हुए बयान दिया था।
भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद का कड़ा बयान, घर जाएंगे
सांसद और भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने शनिवार को इस मामले में कड़ा बयान दिया। चंद्रशेखर ने कहा कि वो शनिवार को ही पुरन कुमार के परिवार से मिलने चंडीगढ़ जाएंगे। उन्होंने कहा- सबसे गंभीर और पीड़ादायक यह है कि उनके निधन के बाद शव को ज़बरदस्ती पोस्टमार्टम के लिए ले जाया गया, जबकि उनकी पत्नी अमनीत, जो हरियाणा कैडर की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं, की सहमति के बिना यह कार्रवाई करने की कोशिश की गई। यह बेहद अमानवीय, असंवेदनशील और कई सवाल खड़े करने वाली घटना है, जिसे किसी भी परिस्थिति में बर्दाश्त करने लायक नहीं माना जा सकता। मैं हरियाणा के सीएम से मांग करता हूं कि इस पूरे मामले की त्वरित, निष्पक्ष और पारदर्शी सीबीआई जाँच कराई जाए तथा दोषियों को सख़्त से सख़्त दंड दिया जाए।
मायावती का बीजेपी को बचाते हुए बयान
बीएसपी प्रमुख मायावती जो अभी तक इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए थीं, पहली बार एक्स पर ट्वीट करके अपना कर्तव्य पूरा कर लिया है। हालांकि उन्होंने बीजेपी सरकार की इस घटना के लिए निन्दा नहीं की। मायावती से 9 अक्टूबर को लखनऊ रैली में इसका जिक्र करने और सरकार की आलोचना की उम्मीद दलित संगठनों ने लगाई थी। लेकिन मायावती चुप रहीं। मायावती ने शनिवार को अपने लंबे-चौड़े ट्वीट में एक्स पर कहा- हरियाणा राज्य में आईजी रैंक के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी वाई. पुरन कुमार, जिनकी पत्नी भी स्वयं हरियाणा की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी हैं, द्वारा जातिवादी शोषण व प्रताड़ना के कारण की गयी आत्महत्या की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। ख़ासकर दलित व बहुजन समाज के लोग काफी उद्वेलित हैं। यह अति-दुखद व अति-गंभीर घटना ख़ासकर एक सभ्य सरकार के लिये शर्मनाक है और यह साबित करती है कि लाख दावों के बावजूद जातिवाद का दंश कितना अधिक ख़ासकर शासन-प्रशासन में हावी है और सरकारें इसको रोक पाने में विफल साबित हो रही हैं। वैसे यह सब सरकार की नीयत व नीति की बात ज्यादा है।
मायावती ने लिखा है-
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना की समयबद्ध स्वतंत्र व निष्पक्ष जाँच होना चाहिये और इसके लिये दोषियों को सख़्त सज़ा मिलनी चाहिये ताकि सभ्य समाज को शर्मिन्दा करने वाली ऐसी दर्दनाक घटनायें दोबारा कहीं ना होने पायें। हरियाणा सरकार इस घटना को पूरी संवेदनशीलता एवं गंभीरता से ले तथा इसकी भी लीपापोती करने का प्रयास ना करे तो यह उचित होगा। जाँच के नाम पर खानापूर्ति भी नहीं होनी चाहिये, जैसा कि आरोप लगने शुरू हो गये हैं। माननीय सुप्रीम कोर्ट व केन्द्र सरकार भी इस घटना का उचित संज्ञान ले तो यह बेहतर।
सांसद सुरजेवाला का बयान
कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला और दीपेंद्र हुड्डा भी शोक जताने पुरन कुमार के घर पहुंचे। सुरजेवाला ने कहा, "यह दिल दहला देने वाली और बेहद दुखद घटना है। हरियाणा में इतने बड़े अधिकारी को इंसाफ नहीं मिल सकता तो किसको न्याय मिलेगा? ऐसे व्यक्ति जो खुद आईजी पोस्टेड हैं, एडीजीपी रैंक में है, IIM अहमदाबाद से निकल कर आए हैं, IAS से ज्यादा नंबर लेकर आईपीएस में भर्ती हुए, पत्नी वरिष्ठ आईएएस अधिकारी है, अगर उन्हें न्याय नहीं मिल सकता तो साधारण दलित और ग़रीब का क्या हाल होगा, उन्हें न्याय कैसे मिलेगा? हरियाणा प्रदेश के हालात क्या है, आप अंदाजा लगा सकते हैं ?"पुरन कुमार मामले में सुरजेवाला के सरकार से गंभीर सवाल
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