आत्महत्या करने वाले आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार की पत्नी के ख़िलाफ़ ही अब एफ़आईआर दर्ज की गई है। यह मुक़दमा हरियाणा पुलिस के एएसआई संदीप कुमार लाठर की आत्महत्या के मामले में रोहतक थाने में दायर किया गया है। इसमें पूरन कुमार की पत्नी अमनीत पी. कुमार के अलावा बठिंडा ग्रामीण विधायक अमित रतन, पूरन कुमार के बंदूकधारी सुशील कुमार और एक अन्य व्यक्ति को नामजद किया गया है। इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से यह रिपोर्ट दी है।

एफआईआर में एएसआई संदीप को सुसाइड के लिए उकसाने के आरोप लगाए गए हैं, लेकिन पुलिस ने अभी तक आरोपों का विस्तार सार्वजनिक नहीं किया है। जांच जारी है और आगे की कार्रवाई के लिए विशेष जांच टीम गठित की जा सकती है। यह घटना हरियाणा पुलिस विभाग में भ्रष्टाचार और जातिगत भेदभाव के आरोपों को लेकर उठे विवाद को और गहरा कर रही है।
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एएसआई संदीप लाठर की आत्महत्या

42 वर्षीय एएसआई संदीप कुमार लाठर मंगलवार दोपहर रोहतक-पानीपत रोड पर एक ट्यूबवेल के पास अपनी सर्विस पिस्तौल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। वे रोहतक के साइबर सेल में तैनात थे और आईपीएस वाई. पूरन कुमार के ख़िलाफ़ भ्रष्टाचार के मामले की जाँच कर रहे थे। घटनास्थल से चार पेज का एक सुसाइड नोट और एक वीडियो बरामद हुआ, जिसमें संदीप ने पूरन कुमार और उनके परिवार पर रिश्वतखोरी, उगाही, महिला अधिकारियों के यौन उत्पीड़न और जातिगत भेदभाव के गंभीर आरोप लगाए।

वीडियो में संदीप ने खुद को 'सत्य के लिए बलिदान' बताते हुए कहा कि वे भगत सिंह की तरह भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे थे। उन्होंने मांग की कि पूरन कुमार के परिवार की संपत्तियों की जांच हो। संदीप ने पूर्व रोहतक एसपी नरेंद्र बिजरनिया को भी ईमानदार अधिकारी बताते हुए उनका समर्थन किया, जिन्हें पूरन कुमार की मौत के बाद स्थानांतरित कर दिया गया था।

पूरन कुमार का मामला

यह घटना 7 अक्टूबर को आईपीएस वाई. पूरन कुमार की आत्महत्या से जुड़ी हुई है। पूरन कुमार एडीजीपी थे और 7 अक्टूबर को चंडीगढ़ के सेक्टर 11 स्थित अपने आवास पर गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। उन्होंने अपने नौ पेज के सुसाइड नोट में वरिष्ठ अधिकारियों पर उत्पीड़न और जातिगत भेदभाव का आरोप लगाया था।

1 अक्टूबर को रोहतक पुलिस ने पूरन कुमार के पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर हेड कांस्टेबल सुशील कुमार को एक कारोबारी से 2.5 लाख रुपये की उगाही के आरोप में गिरफ्तार किया था। इस जांच टीम का हिस्सा एएसआई संदीप लाठर भी थे।

पूरन कुमार ने गिरफ्तारी के बाद डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजरनिया को फोन किए, लेकिन कोई सहायता नहीं मिली। इसके बाद ही उन्होंने आत्महत्या की। प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत सुशील के खिलाफ केस दर्ज हुआ, जो आईपीएस अधिकारियों की गिरफ्तारी के लिए रणनीतिक था।

संदीप की मौत से साफ है कि वे इस मामले की जांच के दौरान दबाव में थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार, संदीप ने सुशील की गिरफ्तारी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जिसके बाद उन पर प्रताड़ना के आरोप लगे।
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संदीप के परिवार का विरोध

संदीप के परिवार ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए पुलिस को सौंपने से इनकार कर दिया है। वे मांग कर रहे हैं कि सुसाइड नोट में नामित लोगों- खासकर अमनीत पी. कुमार, अमित रतन और सुशील कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो और उनकी गिरफ्तारी हो। परिवार ने कहा, 'हम शव का अंतिम संस्कार तभी करेंगे जब अमनीत कुमार जेल पहुंच जाएंगी। संदीप ने भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ी, जैसे भगत सिंह ने अंग्रेजों के खिलाफ।' संदीप के चचेरे भाई शीशपाल लाठर ने संपत्ति जांच की मांग दोहराई।

डीजीपी को छुट्टी, जांच का दबाव

इस घटना के बाद हरियाणा सरकार ने डीजीपी शत्रुजीत कपूर को लंबी छुट्टी पर भेज दिया, जो पूरन कुमार के नोट में नामित थे। रोहतक एसपी नरेंद्र बिजरनिया को भी स्थानांतरित किया गया। विपक्ष ने इसे 'पुलिस में भ्रष्टाचार का काला अध्याय' बताते हुए सीबीआई जांच की मांग की है। पूरन कुमार की पत्नी अमनीत ने भी डीजीपी और बिजरनिया पर पति की आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है।