हरियाणा में विधानसभा चुनावों में मात खाने के बाद कांग्रेस के लिए नगर निकाय चुनाव में अपनी राजनीतिक जमीन को बनाये रखने के लिए एक बड़ी चुनौती होने वाली है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने हालाँकि प्रदेश प्रभारी को बदल दिया है लेकिन विधानसभा चुनावों में रही कमियों को दूर करने के लिए कोई बड़े परिवर्तन नहीं किये हैं। प्रदेश अध्यक्ष उदय भान विधानसभा चुनावों की तरह ही प्रदेश में अपनी जीत के दावे कर रहे हैं। लोकसभा चुनावों में जीती हुई 5 सीटों पर कांग्रेस को साबित करना है कि उनका आधार शहरी क्षेत्रों में बी उतना ही मजबूत है जितना ग्रामीण क्षेत्रों में। अपने-अपने लोकसभा में कांग्रेस दिग्गजों को अपने समर्थकों को जिताने की कड़ी परीक्षा से गुजरना है।
हरियाणा: विधानसभा हारने के बाद नगर निकाय चुनाव में क्या करेगी कांग्रेस?
- हरियाणा
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- जगदीप सिंधु
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- 19 Feb, 2025

जगदीप सिंधु
हरियाणा में विधानसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस के सामने नगर निकाय चुनाव की चुनौती है। क्या पार्टी नई रणनीति अपनाएगी या मतदाताओं का विश्वास फिर जीत पाएगी? जानिए पूरी रिपोर्ट।
हरियाणा की 35 % जनसंख्या अब शहरी क्षेत्रों में बस रही है। तेजी से बढ़ रहे शहरीकरण के कारण स्थानीय प्रसाशन और व्यवस्थाएँ बनाये रखना महत्वपूर्ण हो जाता है। नगर निकाय चुनाव 2 मार्च को होने हैं और नतीजे 12 मार्च को आएंगे। नामांकन दाखिल करने की आख़िरी तारीख़ 17 फ़रवरी है। शहरी निकाय चुनाव की वजह से चंडीगढ़ में हुई हरियाणा मंत्रिमंडल बैठक में सरकार अभी बजट सत्र की तारीख़ की घोषणा भी नहीं कर पायी है। राज्य का 2025-26 का बजट अब चुनाव के बाद ही पेश किया जाएगा। इस बार क़रीब 2 लाख करोड़ का बजट प्रदेश के लिए पेश होने की सम्भावना है।