किसानों के दबाव के कारण ही शिरोमणि अकाली दल और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी एनडीए से बाहर निकल चुकी हैं। लेकिन जेजेपी इस मामले में फ़ैसला नहीं ले पा रही है।
जेजेपी के सामने मुश्किल यह भी है कि उसके 10 विधायकों में से ज़्यादातर किसानों के समर्थन में हैं। क्योंकि वे जानते हैं कि किसानों के साथ नहीं खड़े होने से उन्हें सियासी नुक़सान होगा। ऐसे में दुष्यंत चौटाला कब तक पार्टी के भीतर उठ रही आवाज़ों को रोक पाएंगे, ये एक बड़ा सवाल है।