5 अगस्त को हरियाणा सरकार ने लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत प्रदेश में 35000 हजार एकड़ भूमि को चिन्हित करके एक सूचना जारी की है। प्रदेश में 10 औद्योगिक टाउनशिप बनाने की योजना के तहत अलग अलग जिलों में यह भूमि चिन्हित की गई है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी कहते हैं कि बीजेपी सरकार कांग्रेस की तरह नहीं है जो किसानों से कम दामों पर जबरदस्ती भूमि अधिग्रहण करती थी। हमारा लक्ष्य किसानों को विकास में भागीदार बना कर उनका उत्थान करना है। हरियाणा में बीजेपी सरकार द्वारा लाई गई इस लैंड पूलिंग पर आम आदमी पार्टी हरियाणा सरकार पर गंभीर आरोप लगा रही है। आम आदमी पार्टी ने कहा कि हरियाणा की बीजेपी सरकार अब सिर्फ किसानों की जमीन नहीं छीन रही, बल्कि उनकी पहचान, उनकी आजीविका और उनकी पीढ़ियों का हक भी निगलने पर आमादा है।
पंजाब में फ्लॉप, अब हरियाणा में आई लैंड पूलिंग नीति
- हरियाणा
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- 26 Aug, 2025
लैंड पूलिंग नीति पर बीजेपी का दोहरा रवैया सवालों के घेरे में है। पंजाब में इसका विरोध, तो हरियाणा में समर्थन क्यों? क्या राजनीतिक समीकरण नीति से बड़ा है? जानिए इसके पीछे की सच्चाई।

पंजाब में आम आदमी पार्टी के मुख्यमंत्री सहित अधिकतर नेता किसानों को लैंड पूलिंग पॉलिसी के लाभ समझाने में जुटे थे। पंजाब में हाल ही में आम आदमी पार्टी द्वारा लागू की लैंड पूलिंग पॉलिसी का बीजेपी ने जमकर विरोध किया। किसान संगठन और किसानों के भारी विरोध के बाद 14 मई को लागू की गयी लैंड पूलिंग नीति को पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार को 11 अगस्त को वापस लेना पड़ा है। 2020 के तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ किसान आंदोलन के बाद बीजेपी के प्रति पूरे पंजाब में ग़ुस्से के कारण आम आदमी पार्टी को एक बड़ी सफलता 2022 के विधानसभा चुनावों में मिली थी। बीजेपी ने पंजाब में इस नीति को वापस लिए जाने को फतेह रैली में अपनी जीत बताया है और पंजाब में किसानों के हक में खड़े होने का दावा करती दीख रही है।