हरियाणा में सूचना आयुक्तों की नियुक्ति को लेकर पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है। सरकार की कार्यशैली और निर्णयों पर अब फिर से सवाल उठे हैं। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी भी नियुक्तियों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से अलग नज़र नहीं आ रहे हैं।

हाईकोर्ट के वकील जगमोहन भट्टी ने इस याचिका में कहा है कि जिनकी नियुक्ति हुई है, वे सत्तारूढ़ पार्टी से संबंधित हैं। यह संविधान के नियमों का उल्लंघन करता है। याचिका में इन नियुक्तियों पर तुरंत रोक लगाने की अपील की गई है। अब इस याचिका पर सुनवाई 28 मई को होगी। बीजेपी सरकार ने राज्य सूचना आयुक्तों की नियुक्तियों को ईनेलो के रामपाल माजरा ने अवैध बताया है। संविधान के अनुच्छेद 319 (डी) के अनुसार, जो एचपीएससी के सदस्य रह चुके हैं उनको संवैधानिक पद पर नियुक्ति नहीं दी जा सकती। वहीं ईनेलो ने भूपेंद्र हुड्डा को निशाने पर लेते हुए आरोप लगाए हैं कि हुड्डा की बीजेपी से मिलीभगत का एक ताज़ा उदाहरण यह भी है कि बीजेपी ने जिनको असंवैधानिक होते हुए भी चुना है उसपर भूपेंद्र हुड्डा ने सहमति दी और कोई आपत्ति दर्ज नहीं की।