पिछले काफ़ी महीनों से लगातार ख़बरें आ रही हैं कि आर्थिक मोर्चे पर देश के हालात ख़राब हैं, नौकरियां जा रही हैं, उत्पादन गिर रहा है और इस वजह से ऑटोमोबाइल सेक्टर की कई कंपनियों को महीने में कई-कई दिन तक अपना काम बंद रखने को मजबूर होना पड़ा है। यह भी ख़बरें आईं कि बेरोज़गारी दर पिछले 45 साल में सबसे ज़्यादा हो चुकी है, गुजरात के हीरा उद्योग में काम करने वाले हज़ारों लोगों की नौकरियां चली गई हैं। इसके अलावा जीडीपी का 5 फ़ीसदी पर आ जाना, सेंसेक्स का गिरना, माँग कम होने जैसे कई ख़बरों ने यह बताया कि अर्थव्यवस्था की स्थिति डांवाडोल है लेकिन केंद्र की सरकार इसे मानने से हिचकती रही।