दिल्ली के निज़ामुद्दीन में तब्लीग़ी जमात के कार्यक्रम होने और इसमें शामिल कई लोगों में कोरोना की पुष्टि होने के बाद से देश भर में नफ़रत फैलाने की ऐसी घटनाएँ बढ़ गईं। सोशल मीडिया पर तो नफ़रत का बेहद ही ख़तरनाक माहौल बना।
रिपोर्ट में कहा गया था कि ऐसा लगता है कि भारतीय मिशन की ओर से दी गई चेतावनी का कोई असर नहीं पड़ा है क्योंकि सोशल मीडिया पर इसलामोफ़ोबिक टिप्पणियाँ करने वाले भारतीय आप्रवासियों की सूची लगातार लंबी होती जा रही है। बता दें कि 20 अप्रैल को ही यूएई में भारत के राजदूत पवन कपूर ने ऐसे आप्रवासियों को इस तरह के व्यवहार करने के ख़िलाफ़ चेतावनी दी थी।