जामिया मिल्लिया इसलामिया में पुलिस कार्रवाई की आलोचना करने वाली विश्वविद्यालय की कुलपति नजमा अख्तर को अब पद से हटाने की माँग की गई है। एक रिपोर्ट के अनुसार, उनको हटाने की माँग उस एक सदस्य ने ही की है जो उनकी नियुक्ति करने वाली सर्च कमेटी में शामिल थे। इसके लिए उन्होंने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है। इसमें उन्होंने दावा किया है कि 10 जनवरी 2019 को सेंट्रल विजिलेंस कमीशन यानी सीवीसी ने अख्तर की नियुक्ति को हरी झंडी नहीं दी थी। हालाँकि उनके इस पत्र में यह नहीं कहा गया है कि सीवीसी ने किस बात को लेकर आपत्ति की थी। लेकिन सवाल है कि जब सीवीसी ने हरी झंडी नहीं दी तो नियुक्ति कैसे हो गई थी? सीवीसी की आपत्ति के एक साल बाद क्यों उनको हटाने की माँग की जा रही है? और उससे भी बड़ा सवाल यह कि जिन्होंने नियुक्ति की वही अब उन्हें हटाने की माँग क्यों कर रहे हैं?
पुलिस की आलोचना करने वाली जामिया वीसी को हटाने की राष्ट्रपति से माँग क्यों?
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- 18 Mar, 2020
जामिया मिल्लिया इसलामिया में पुलिस कार्रवाई की आलोचना करने वाली विश्वविद्यालय की कुलपति नजमा अख्तर को अब पद से हटाने की माँग की गई है। आख़िर अब क्यों हटाने की माँग की जा रही है?
