अडानी की पावर परियोजनाओं को लेकर श्रीलंका और बांग्लादेश में भी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। बांग्लादेश ने अडानी पावर सहित प्रमुख बिजली उत्पादन अनुबंधों की "समीक्षा" में सहायता के लिए एक "प्रतिष्ठित कानूनी और जांच फर्म" को नियुक्त करने का निर्णय लिया है। अधिकारियों का कहना है कि इससे "संभावित पुन: बातचीत या अनुबंध रद्द हो सकता है।" इसी तरह श्रीलंका में भी खतरा टला नहीं है। वहां की संसद अब इस पर फैसला लेगी। बांग्लादेश सरकार ने कहा, “बिजली, ऊर्जा और खनिज संसाधन मंत्रालय की राष्ट्रीय समीक्षा समिति ने रविवार को अंतरिम सरकार से प्रमुख बिजली उत्पादन अनुबंधों की समीक्षा में सहायता के लिए एक प्रतिष्ठित कानूनी और जांच फर्म को नियुक्त करने के लिए कहा है।” बांग्लादेश ने 2009 और 2024 के बीच शेख हसीना शासन के दौरान अडानी सहित कई पावर कंपनियों को आमंत्रित किया था।