सीजेआई बीआर गवई पर जूता फेंकने और चिल्लाने के मामले में अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि ने वकील राकेश किशोर के ख़िलाफ़ अवमानना कार्रवाई की मंजूरी दे दी है। उन्होंने इस घटना को कु्त्सित और निंदनीय क़रार दिया है। अटॉर्नी जनरल की मंजूरी के बाद जब सुप्रीम कोर्ट में अवमानना कार्रवाई के लिए मामले को उठाया गया तो सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने इस मामले को तुरंत आगे बढ़ाने से इनकार करते हुए कहा कि इसे 'अपने आप ख़त्म होने दो' ताकि सोशल मीडिया पर विवाद न भड़के।
जज पर जूता फेंकना व चिल्लाना निंदनीय, अवमानना कार्रवाई हो- AG; SC बोला- छोड़िए न
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- 16 Oct, 2025
सुप्रीम कोर्ट में जज पर जूता फेंकने और चिल्लाने की घटना पर अटॉर्नी जनरल ने अवमानना कार्रवाई की मंजूरी दी, तो सुप्रीम कोर्ट आख़िर इसके पक्ष में क्यों नहीं दिख रहा है?

मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई
यह मामला सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई पर जूता फेंकने से जुड़ा है। घटना 6 अक्टूबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट हॉल नंबर 1 में घटी थी जब सीजेआई बी.आर. गवई की अगुवाई वाली बेंच सुनवाई कर रही थी। वकील राकेश किशोर अचानक अपना जूता उतारकर सीजेआई की ओर फेंक दिया। सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें तुरंत पकड़ लिया, लेकिन इस दौरान किशोर ने 'सनातन धर्म' से जुड़ा नारा लगाया। जूता सीजेआई के पास गिरा। सीजेआई गवई ने शांत रहते हुए कहा, 'इसे नज़रअंदाज़ कर दें और सुनवाई जारी रखें।' उन्होंने इस मामले को तवज्जो नहीं देने की अपील की।