कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी की 'वोटर अधिकार यात्रा' ने अग्निवीर मुद्दे को फिर से गरमा दिया है। सेना ने जब चार साल के लिए अग्निवीरों की भर्ती स्कीम मोदी सरकार की सलाह पर निकाली थी तो बिहार समेत कई राज्यों में युवकों ने इसका भारी विरोध किया था। भागलपुर में जब राहुल गांधी की वोटर अधिकार यात्रा शुक्रवार शाम को पहुंची तो पूर्व अग्निवीर अमरनाथ ने अपनी दर्दभरी दास्तान सुनाई। इस दौरान राहुल गांधी ने एक जनसभा को संबोधित करते हुए केंद्र सरकार की अग्निवीर योजना पर तीखा हमला बोला। पूर्व अग्निवीर जवान अमरनाथ जायसवाल की कहानी ने वहां मौजूद लोगों का ध्यान खींचा। हालांकि, इस आयोजन के दौरान प्रशासन पर बिजली कटौती का गंभीर आरोप भी लगा।

अग्निवीर अमरनाथ की दर्दभरी कहानी

राहुल गांधी ने सभा में अग्निवीर अमरनाथ जायसवाल को मंच पर बुलाया, जिन्होंने अपनी आपबीती सुनाई। अमरनाथ ने बताया कि सेना में ड्यूटी के दौरान उनके हाथ में विस्फोट हुआ, जिसके कारण उन्हें अपनी उंगली गंवानी पड़ी। इसके बावजूद, सरकार ने उनकी सेवा को महज दो साल बाद समाप्त कर दिया और उनकी कोई मदद नहीं की गई। उन्होंने कहा, "मैंने देश के लिए अपनी उंगली कुर्बान की, लेकिन अग्निवीर योजना के तहत मुझे बिना किसी समर्थन के घर भेज दिया गया।" उनकी कहानी ने उपस्थित लोगों में आक्रोश और सहानुभूति पैदा की। अमरनाथ की कहानी का वीडियो यहां आप देख और सुन सकते हैं।

राहुल गांधी की भागलपुर रैली और पूर्व अग्निवीर अमरनाथ

राहुल गांधी का अग्निवीर योजना पर हमला

राहुल गांधी ने अमरनाथ की कहानी को आधार बनाकर अग्निवीर योजना की कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा, "भाजपा सरकार ने युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया है। अग्निवीर योजना न केवल जवानों के साथ अन्याय करती है, बल्कि देश की सुरक्षा को भी कमजोर करती है।" उन्होंने आरोप लगाया कि यह योजना युवाओं को स्थायी नौकरी और सम्मान से वंचित करती है। राहुल ने यह भी कहा कि भाजपा और चुनाव आयोग मिलकर मतदाता सूची में गड़बड़ियां कर रहे हैं और 'वोट चोरी' के जरिए संविधान पर हमला कर रहे हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनकी यह यात्रा 'एक व्यक्ति, एक वोट' के सिद्धांत को बचाने और लोकतंत्र की रक्षा के लिए है।
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राहुल की रैली में बिजली काटौने का आरोप

वोटर अधिकार यात्रा के भागलपुर पहुंचने पर रोड शो और जनसभा का आयोजन किया गया, जो दोपहर 2 बजे चंपानगर के मेदनी चौक से शुरू होकर जीरो माइल चौक होते हुए नवगछिया तक गया। इस दौरान शहर के मुख्य मार्गों पर यातायात बंद रहा और ट्रैफिक डायवर्ट किया गया। हालांकि, आयोजन के बीच प्रशासन पर बिजली कटौती का गंभीर आरोप लगा। महागठबंधन के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने दावा किया कि राहुल गांधी की सभा को प्रभावित करने के लिए जानबूझकर बिजली काटी गई। इस कटौती ने स्थानीय लोगों और कार्यकर्ताओं में नाराजगी पैदा की।
राहुल गांधी ने भागलपुर में अन्य स्थानों पर अपनी 'वोटर अधिकार यात्रा' के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने पीएम मोदी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि "पूरा देश अब जानता है कि नरेंद्र मोदी वोट चुराते हैं।" राहुल गांधी ने चुनाव आयोग और मोदी सरकार पर मिलकर नागरिकों के संवैधानिक मताधिकार को छीनने की कोशिश करने का आरोप लगाया। 

वोट चोर गया जी में आए थेः राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा, "एसआईआर (विशेष गहन संशोधन) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा और चुनाव आयोग की ओर से आपका वोट चुराने की कोशिश है। वे आपके मताधिकार को छीनने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। 'वोट चोर' गया में आए थे, लेकिन उन्होंने अपनी सरकार के वोट चुराने के प्रयास पर एक शब्द भी नहीं कहा।" उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पीएम मोदी ने महाराष्ट्र और कर्नाटक के चुनावों में कथित अनियमितताओं और मणिपुर संकट पर चुप्पी साध रखी है।
राहुल गांधी ने अपनी यात्रा के छठे दिन भागलपुर में यह भी कहा कि मोदी सरकार और भाजपा संविधान को कमजोर करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा, "भाजपा उस संविधान को नष्ट करना चाहती है, जो महात्मा गांधी और डॉ. बी.आर. आंबेडकर ने देश को दिया। यह संविधान देश के लोगों का भविष्य सुरक्षित करता है।" उन्होंने सरकार की नीतियों को गरीब विरोधी बताते हुए कहा कि ये नीतियां युवाओं के लिए रोजगार के अवसर खत्म कर रही हैं।
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'वोटर अधिकार यात्रा' 17 अगस्त को शुरू हुई थी और यह 1,300 किलोमीटर लंबी यात्रा है, जो बिहार के 20 से अधिक जिलों से होकर गुजरेगी। यह यात्रा 1 सितंबर को पटना के गांधी मैदान में एक रैली के साथ समाप्त होगी। इस यात्रा में इंडिया गठबंधन के कई नेता, जिसमें राजद के तेजस्वी यादव और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हैं, भाग ले रहे हैं। राहुल गांधी ने अपनी यात्रा को संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए एक आंदोलन करार दिया। उन्होंने कहा, "यह सिर्फ एक चुनावी लड़ाई नहीं है, यह भारत की आत्मा को बचाने की लड़ाई है।"