Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद विमान हादसे के बाद डीजीसीए के निर्देश पर एयर इंडिया ने बोइंग 787 बेड़े के फ्यूल कंट्रोल स्विचों की जांच पूरी कर ली है, उसे कोई समस्या नहीं मिली। लेकिन अभी भी कई पहलू हैं जिनसे हादसे की पहेली उलझी हुई है।
एयर इंडिया ने अपने बोइंग 787-8 विमान बेड़े में ईंधन नियंत्रण स्विच (एफसीएस) लॉकिंग तंत्र की जांच पूरी कर ली है। उसे इसमें कोई खराबी नहीं मिली है। यह जांच अहमदाबाद प्लेन क्रैश के बाद एविएशन रेगुलेटर डीजीसीए के निर्देश पर की गई थी, जिसमें 260 लोगों की मौत हो गई थी। लेकिन जांच में तकनीकी खराबी पर सवाल बाकी हैं। उसका जवाब नहीं मिल रहा। क्या बिना पायलट कमांड के फ्यूल स्विच बंद हो सकते हैं? यानी फ्यूल स्विच बंद होने की वजह जब तक सामने नहीं आती, तब तक यह हादसा विवादों के केंद्र में रहेगा।
विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) की शुरुआती रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि 12 जून को अहमदाबाद से लंदन जा रहे एयर इंडिया के बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर के दोनों इंजनों का ईंधन आपूर्ति उड़ान भरने के कुछ ही सेकंड बाद एक सेकंड के अंतराल में कट गई थी, जिसके कारण विमान में भ्रम की स्थिति पैदा हुई और वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
डीजीसीए ने सोमवार को सभी एयरलाइंस को अपने बोइंग 787 और 737 विमानों के ईंधन स्विच लॉकिंग सिस्टम की जांच करने का निर्देश दिया था। एयर इंडिया ने अपनी उड़ान संचालन टीम के माध्यम से पायलटों को किसी भी तकनीकी खराबी को तुरंत लॉग करने की सलाह दी है।
क्या फ्यूल कंट्रोल स्विच कटऑफ मोड में गया
दूसरी तरफ हादसे के जांचकर्ता अब विमान के इलेक्ट्रिकल और सॉफ्टवेयर घटकों में आई खराबियों की जांच कर रहे हैं। एक अधिकारी ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि जांच इस बात पर केंद्रित है कि क्या उड़ान के कुछ सेकंड बाद ईंधन नियंत्रण स्विच (फ्यूल कंट्रोल स्विच) अपने आप "कट-ऑफ" मोड में चले गए।
12 जून 2025 को अहमदाबाद से लंदन गैटविक जा रहे इस विमान की जांच में पाया गया कि हादसे से कुछ घंटे पहले, दिल्ली से अहमदाबाद की उड़ान के दौरान उसी विमान में पायलट ने तकनीकी लॉग में "स्टेबलाइजर पोजीशन ट्रांसड्यूसर डिफेक्ट" नोट किया था।
पहले हुई दो बड़ी तकनीकी खराबी क्या थी
अधिकारी के अनुसार, इस विमान में पहले भी दो बड़ी तकनीकी खराबियां देखी गई थीं। दिसंबर 2024 में, उसी AI-171 उड़ान को अहमदाबाद से गैटविक के लिए उड़ान भरने से पहले एक बड़े इलेक्ट्रिकल फेल्यर के कारण रद्द करना पड़ा था। इसके अलावा, 2015 में इस विमान को केबिन एयर कंप्रेसर (CAC) सर्ज के कारण आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी थी, जो बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर में एक ज्ञात खराबी है।फ्यूल सिस्टम में खराबी की चेतावनी
जांच में यह भी पता चला कि पिछले तीन हफ्तों में कम से कम दो बार विमान के इंजन इंडिकेशन एंड क्रू अलर्टिंग सिस्टम (EICAS) ने चेतावनियां दी थीं, जिनमें एक फ्यूल सिस्टम की खराबी शामिल थी, जो बाद में गलत साबित हुई। अधिकारी ने कहा कि उड़ान से पहले सेंसर में खराबी की रिपोर्ट के आधार पर, यह संभावना नहीं नकारी जा सकती कि सिस्टम त्रुटि के कारण ईंधन स्विच का अस्पष्ट बदलाव हुआ, जिससे इंजन फेल्यर और जोरदार धमाका हुआ।
पायलटों की बातचीत और स्विच का बंद होना, जवाब नहीं मिला
कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर में दर्ज बातचीत से पता चला कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा, "तुमने कट-ऑफ क्यों किया?" जिसका जवाब था, "मैंने नहीं किया।" इसके बाद यह रहस्य गहरा उठा है कि स्विच कैसे बंद हुए, क्योंकि ये स्विच दुर्घटनावश हिलने से रोकने के लिए लॉकिंग मैकेनिज्म से लैस हैं। जांच में यह भी उल्लेख किया गया कि 2018 में यूएस फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन (FAA) ने बोइंग 737 के ईंधन स्विच की लॉकिंग सुविधा के डिसएंगेज होने की चेतावनी दी थी, जो बोइंग 787-8 में भी उपयोग होती है। हालांकि, यह केवल एक सलाह थी।जांचकर्ता अब यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट ने स्विच को बिना पायलट के हस्तक्षेप के बंद किया। विमान के रखरखाव रिकॉर्ड में 2023 के बाद ईंधन स्विच से संबंधित कोई दोष दर्ज नहीं किया गया था, जब थ्रॉटल कंट्रोल मॉड्यूल को आखिरी बार बदला गया था।
एयर इंडिया ने जांच में पूर्ण सहयोग देने का वादा किया है, और अंतिम रिपोर्ट अगले साल तक आने की उम्मीद है। इस बीच, पीड़ितों के परिवार जवाब मांग रहे हैं, और विशेषज्ञों ने कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर के पूर्ण ट्रांसक्रिप्ट की कमी पर सवाल उठाए हैं, जो इस रहस्य को सुलझाने में मदद कर सकता है।