सुप्रीम कोर्ट ने एयर इंडिया विमान हादसे को लेकर दायर एक जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान कड़ी टिप्पणी की। कोर्ट ने कहा कि प्रारंभिक जाँच रिपोर्ट के आधार पर पायलटों को दोषी ठहराना "गैर-ज़िम्मेदाराना" है। अगर कल कोई गैर-ज़िम्मेदाराना तरीके से कह दे कि पायलट ए या बी की गलती थी, तो परिवार को नुकसान होगा... अगर बाद में अंतिम जाँच रिपोर्ट में कोई गलती नहीं पाई गई तो क्या होगा?" अदालत ने जाँच पूरी होने तक गोपनीयता बनाए रखने के महत्व पर ज़ोर दिया। सुप्रीम कोर्ट में दायर पीआईएल में इस हादसे की स्वतंत्र, और अदालत की निगरानी में जाँच की माँग की गई है।