पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चेताया।
2004 में तो पंजाब ने इस समझौते को मानने से ही इनकार कर दिया। कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि अब तक इसका 90 फ़ीसदी कार्य पूरा भी हो चुका है। जो काम बचा वह पंजाब के हिस्से का है। यह इसलिए है कि पंजाब इस नहर के पानी का अधिक हिस्सा चाहता है।