केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि भारत के अलग-अलग राज्यों के लोगों को एक दूसरे के साथ हिंदी में बातचीत करनी चाहिए ना कि अंग्रेजी में। अमित शाह इससे पहले भी पूरे देश की एक भाषा हिंदी होने की बात कह चुके हैं और तब इसे लेकर देश के कई राज्यों में काफी विरोध हुआ था।
अलग-अलग राज्यों के लोग अंग्रेजी नहीं हिंदी में बात करें: अमित शाह
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- 8 Apr, 2022
अमित शाह के इस बयान का लोगों ने विरोध किया और ट्विटर पर #stopHindiImposition ट्रेंड हुआ।

अमित शाह ने संसदीय भाषा समिति की 37 वीं बैठक में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फैसला किया है कि सरकार चलाने का माध्यम राजभाषा होनी चाहिए और इससे निश्चित रूप से हिंदी की अहमियत बढ़ेगी। अब वक्त आ गया है कि राजभाषा को हमारे देश की एकता का अहम हिस्सा बनाया जाए।”
गृह मंत्री ने कहा कि जब ऐसे राज्यों के लोग जो अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं, वे आपस में बात करते हैं तो यह बातचीत भारत की भाषा में होनी चाहिए।