बता दें कि जाफराबाद और मौजपुर में सोमवार की हिंसा के बाद भी हिंसा रुकी नहीं है। मंगलवार सुबह कई क्षेत्रों में पत्थरबाज़ी और आगजनी की घटनाएँ हुईं। ब्रह्मपुरी इलाक़े में दो गुटों में पत्थरबाज़ी हुई। करावल नगर में प्रदर्शनकारियों ने कई वाहनों को आग के हवाले किया। मौजपुर में भी पथराव की घटनाएँ हुईं। ऐसा तब है जब रात भर पुलिस ने क्षेत्र में फ़्लैग मार्च किया। अब स्थिति पर नियंत्रण के लिए भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। हिंसा की गंभीरता का अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि सोमवार की हिंसा के बाद से सात लोगों की मौत हो गई है और क़रीब 60 लोग घायल हुए हैं। मृतकों में एक पुलिसकर्मी भी शामिल है।
केजरीवाल बोले- बाहर से आ रहे लोग
इस बैठक से पहले दिल्ली की हिंसा पर अरविंद केजरीवाल ने प्रभावित क्षेत्रों के सभी दलों के विधायकों के साथ बैठक की। इस बैठक के बाद उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि हिंसा से किसी का भी भला नहीं होने वाला है और इससे कोई भी समाधान नहीं निकलेगा। उन्होंने यह भी कहा है कि दिल्ली के सीमा क्षेत्र के विधायकों का कहना है कि बाहर के राज्यों से बहुत से लोग बॉर्डर क्रॉस कर दिल्ली में आ रहे हैं और यह भी दिल्ली हिंसा की वजह है।
रात में भी शाह ने ली थी बैठक
इससे पहले दिल्ली के हालातों पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को देर रात आपात बैठक बुलाई थी। यह बैठक 10 बजे तक चली जिसमें दिल्ली के हालातों पर तुरंत काबू के लिए विचार-विमर्श हुआ। माना जा रहा है कि गृह मंत्री को इस मामले में इसलिए दखल देना पड़ा है क्योंकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप भारत की यात्रा पर आए हुए हैं और आज यानी मंगलवार को वह दिल्ली में ही हैं। यहाँ उनके प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक है। ऐसे में दिल्ली की हिंसा सरकार के लिए बड़ी परेशानी का सबब बन गई है।