दिल्ली में बहादुर शाह ज़फ़र की एक पेंटिंग पर एक हिंदू संगठन के लोगों ने कालिख पोत दी, यह सोचकर कि वह औरंगज़ेब हैं। यह घटना ऐतिहासिक अज्ञानता और सांप्रदायिक भावनाओं के खतरनाक मेल को उजागर करती है।