अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता लेखिका बानु मुश्ताक को मैसूर दशहरा उत्सव की मुख्य अतिथि बनाए जाने का विरोध करने वालों को सुप्रीम कोर्ट ने झटका दिया है। अदालत ने शुक्रवार को कर्नाटक सरकार के उस निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें 2025 के अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार विजेता लेखिका और कार्यकर्ता बानु मुश्ताक को मैसूर दशहरा उत्सव के उद्घाटन के लिए मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने इस याचिका को खारिज करते हुए भारत के संविधान की प्रस्तावना का हवाला दिया, जिसमें धर्मनिरपेक्षता पर जोर दिया गया है। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील से सवाल किया, 'इस देश की प्रस्तावना क्या है?' और कहा कि मैसूर दशहरा एक राजकीय आयोजन है, न कि निजी कार्यक्रम और राज्य को अपने नागरिकों के बीच भेदभाव नहीं करना चाहिए।