क्या केंद्र सरकार बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया को भी नियंत्रित करना चाहती है? आख़िर इसमें संशोधन के विवादित मसौदे का इतना विरोध क्यों हुआ? क्यों बीजेपी के सांसद ही इसके ख़िलाफ़ खड़े हो गए? इस मसौदा विधेयक का इतना विरोध हुआ कि इसे वापस लेना पड़ा।