क्या केंद्र सरकार बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया को भी नियंत्रित करना चाहती है? आख़िर इसमें संशोधन के विवादित मसौदे का इतना विरोध क्यों हुआ? क्यों बीजेपी के सांसद ही इसके ख़िलाफ़ खड़े हो गए? इस मसौदा विधेयक का इतना विरोध हुआ कि इसे वापस लेना पड़ा।
बार काउंसिल पर नियंत्रण की कोशिश; मसौदा विधेयक वापस क्यों लेना पड़ा?
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- 23 Feb, 2025
बार काउंसिल ऑफ़ इंडिया पर नियंत्रण की कोशिशों को लेकर विवाद बढ़ गया है। केंद्र सरकार को कानूनी पेशे से जुड़े मसौदा विधेयक को वापस क्यों लेना पड़ा? जानिए पूरी रिपोर्ट।

दरअसल, बार काउंसिल क़ानून में संशोधन करने की कोशिशों को केंद्र को झटका लगा है। केंद्र ने अधिवक्ता अधिनियम, 1961 में संशोधन करने के लिए मसौदा विधेयक को सार्वजनिक किया था। इस मसौदे के अनुसार बार काउंसिल में भी सरकार द्वारा सदस्य नियुक्त किए जाने, काउंसिल को निर्देश देने, काम के बहिष्कार के रूप में वकीलों के विरोध पर पाबंदी लगाने जैसे उपाए किए गए थे। केंद्र के इस रवैये को बार काउंसिल के काम में दखल देने के रूप में देखा गया और इसका जमकर विरोध हुआ।