Vote Chori BJP Replies: वोट चोरी के हमलों से आहत बीजेपी ने बुधवार को उल्टा आरोप लगाया कि कांग्रेस समेत विपक्ष के कई नेता घुसपैठियों के वोटों से सांसद बने हैं। कांग्रेस नेता सोनिया गांधी को गलत ढंग से वोटरलिस्ट में डाला गया था। कांग्रेस ने इसका जवाब दिया है।
भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए उस पर “वोट चोरी” जैसे आरोप लगाए। भाजपा ने कांग्रेस और विपक्षी दलों पर “घुसपैठिए मतदाताओं” की मदद से चुनाव जीतने का आरोप लगाया है। बीजेपी ने पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का नाम वोटर लिस्ट में शामिल किए जाने के समय पर भी सवाल उठाए हैं। भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों ने “घुसपैठिए वोटरों” के सहारे सीटें जीती हैं। यह बयान सीधे तौर पर राहुल गांधी द्वारा लगाए गए “वोट चोरी” के आरोपों का जवाब माना जा रहा है।
बिहार में SIR प्रक्रिया का विरोध क्यों? भाजपा का सवाल
भाजपा नेता अनुराग ठाकुर ने बिहार में चुनाव आयोग द्वारा कराए जा रहे बिहार SIR को लेकर कांग्रेस के विरोध पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस केवल एक खास वर्ग को ध्यान में रखकर “तुष्टीकरण की राजनीति” कर रही है और अपना वोट बैंक बचाने में लगी है।
रायबरेली, डायमंड हार्बर और कन्नौज में फर्जी वोटिंग के उदाहरण
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि रायबरेली (जहाँ से राहुल गांधी सांसद हैं), डायमंड हार्बर (TMC सांसद अभिषेक बनर्जी की सीट) और कन्नौज (अखिलेश यादव की सीट) में डुप्लीकेट वोटर, फर्जी पते, बनावटी रिश्तेदार, हेराफेरी की गई उम्र और मास वोटिंग जैसे उदाहरण सामने आए हैं।
सोनिया गांधी के मतदाता सूची में नाम पर उठे सवाल
भाजपा ने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की नागरिकता प्राप्ति से पहले वोटर लिस्ट में नाम दर्ज होने को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं। भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (पूर्व में ट्विटर) पर कहा:“सोनिया गांधी का भारत की मतदाता सूची से जुड़ाव चुनावी कानून के स्पष्ट उल्लंघनों से भरा हुआ है। शायद यही वजह है कि राहुल गांधी अपात्र और अवैध मतदाताओं को वैध ठहराने में इतने इच्छुक हैं और SIR प्रक्रिया के खिलाफ खड़े हैं।”
उन्होंने दावा किया कि सोनिया गांधी का नाम 1980 में मतदाता सूची में जोड़ा गया, जबकि वह 1983 में भारतीय नागरिक बनीं और तब तक उनके पास इतालवी नागरिकता थी। उस समय गांधी परिवार 1, सफदरजंग रोड पर निवास करता था, जो प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का आधिकारिक आवास था। उस पते पर इंदिरा, राजीव, संजय और मेनका गांधी पहले से मतदाता सूची में दर्ज थे। 1 जनवरी 1980 को क्वालिफाइंग तिथि मानते हुए मतदाता सूची का संशोधन किया गया, और सोनिया गांधी का नाम पोलिंग स्टेशन 145 में क्रम संख्या 388 पर जोड़ा गया।
अमित मालवीय ने आरोप लगाया कि:“यह एक स्पष्ट कानून उल्लंघन था, क्योंकि मतदाता बनने के लिए भारतीय नागरिकता अनिवार्य है। 1982 में विरोध के बाद उनका नाम सूची से हटा दिया गया, लेकिन 1983 में फिर से शामिल कर दिया गया।” उन्होंने सवाल उठाया:“अगर यह चुनावी गड़बड़ी नहीं है, तो फिर और क्या है?”
कांग्रेस का करारा जवाब
भाजपा नेता अनुराग ठाकुर की प्रेस कॉन्फ्रेंस पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, "वह मुद्दे को भटका क्यों रहे हैं? उन्होंने आज कुछ आँकड़े पेश किए। ये वायनाड और कन्नौज के आँकड़े थे। उनका कहना है कि वहाँ भी फ़र्ज़ी वोट हैं। तो, उन्होंने हमारी बात साबित कर दी है। अनुराग ठाकुर और भाजपा चुनाव आयोग पर वही सवाल उठा रहे हैं जो हमने उठाए थे। तो, उन्होंने हमारी बात साबित कर दी है। हमें एक विधानसभा क्षेत्र का यह आँकड़ा सामने लाने में 4-6 महीने लग गए। उन्होंने दो संसदीय क्षेत्रों का आँकड़ा सामने रखा है। उन्हें यह कैसे मिला? इससे साबित होता है कि उनकी चुनाव आयोग से सांठगांठ है। जब उनके पास इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट है, तो हम माँग करते हैं कि वे प्रधानमंत्री के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी की इलेक्ट्रॉनिक वोटर लिस्ट सार्वजनिक करें। हम सब कुछ स्पष्ट कर देंगे।
खेड़ा ने कहा- जब आप कहते हैं कि यह फ़र्ज़ी वोटर लिस्ट है, तो हम भी यही कह रहे हैं कि 2024 के लोकसभा चुनाव फ़र्ज़ी वोटर लिस्ट पर हुए थे, इसलिए 2024 के चुनावों को अवैध माना जाना चाहिए और रद्द किया जाना चाहिए। सभी राजनीतिक दलों को मिलकर इस पर नए सिरे से चर्चा करनी चाहिए कि वोटर लिस्ट कैसे प्राप्त की जाए।"
वोट चोरी पर राहुल गांधी और चुनाव आयोग आमने-सामने
पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब राहुल गांधी ने 7 अगस्त को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में चुनाव आयोग पर ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाते हुए इसे “परमाणु बम जैसी जानकारी” बताया था। उन्होंने विशेष रूप से महाराष्ट्र और कर्नाटक जैसे राज्यों में अनियमितताओं की बात की, जिनमें शामिल थे:
- एक करोड़ रहस्यमय वोटर
- CCTV फुटेज का नष्ट किया जाना
- हजारों फर्जी वोटर
- चुनाव आयोग द्वारा वोटर डेटा साझा करने से इनकार
कांग्रेस द्वारा चुनाव आयोग की प्रक्रिया पर सवाल उठाने के बाद अब भाजपा ने भी कांग्रेस को कठघरे में खड़ा कर दिया है। जहां एक ओर राहुल गांधी ने “वोट चोरी” का मुद्दा उठाया, वहीं भाजपा ने ‘घुसपैठी मतदाता’, तुष्टीकरण, फर्जी पहचान और ऐतिहासिक गड़बड़ियों के माध्यम से जवाबी हमला बोला है। इस तकरार ने चुनाव आयोग की निष्पक्षता, पारदर्शिता और पूरे लोकतांत्रिक ढांचे पर गंभीर बहस छेड़ दी है।
बीजेपी के आरोपों के बाद कुछ सवाल
वोट चोरी पर नेता विपक्ष राहुल गांधी के सबूतों और आरोपों पर चुनाव आयोग यानी ईसीआई ने चुप्पी साध रखी है। लेकिन बीजेपी जरूर जवाब दे रही है। बुधवार की प्रेस कॉन्फ्रेस इसी वजह से की गई। लेकिन अनुराग ठाकुर ने जिन 6 लोकसभा क्षेत्रों को लेकर विपक्षी नेताओं पर वोट चोरी के आरोप लगाए, उससे कुछ सवाल उठते हैंः
- भाजपा ने 6 लोकसभा क्षेत्रों का इतनी तेज़ी से विश्लेषण कैसे किया?
- क्या चुनाव आयोग ने इस दुष्प्रचार के लिए उन्हें इलेक्ट्रॉनिक डेटा दिया था?
- प्रियंका गांधी वाड्रा ने वायनाड में 4 लाख से ज़्यादा वोटों से जीत हासिल की। इतने कम वोटरों ने नतीजा कैसे बदल दिया।
- चुनाव आयोग को सभी 543 लोकसभा सीटों का इलेक्ट्रॉनिक डेटा जारी करना चाहिए।