8 दिसंबर को किसानों द्वारा बुलाए गए भारत बंद में देश भर के किसानों के जुटने के अलावा विपक्षी दलों का भी साथ मिलने से मोदी सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ गई हैं। जब तक यह आंदोलन पंजाब में ही चल रहा था, सरकार ने आंदोलनकारी किसानों से बात करने में हठी रवैया अपनाया। लेकिन जब पंजाब के किसान दिल्ली के बॉर्डर पर आकर डट गए और फिर उनके साथ हरियाणा और कई राज्यों के किसान जुट गए तो सरकार को समझ आया कि बात हाथ से निकल चुकी है।