8 दिसंबर को किसानों द्वारा बुलाए गए भारत बंद में देश भर के किसानों के जुटने के अलावा विपक्षी दलों का भी साथ मिलने से मोदी सरकार के माथे पर चिंता की लकीरें बढ़ गई हैं। जब तक यह आंदोलन पंजाब में ही चल रहा था, सरकार ने आंदोलनकारी किसानों से बात करने में हठी रवैया अपनाया। लेकिन जब पंजाब के किसान दिल्ली के बॉर्डर पर आकर डट गए और फिर उनके साथ हरियाणा और कई राज्यों के किसान जुट गए तो सरकार को समझ आया कि बात हाथ से निकल चुकी है।
मैदान में उतरे रविशंकर, बोले- किसानों को गुमराह कर रहा विपक्ष
- देश
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- 7 Dec, 2020
किसान संगठनों और विपक्षी दलों के हमलों से घबराई मोदी सरकार ने सोमवार को क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को जवाब देने के लिए मैदान में उतारा।

ताज़ा हालात ये हैं कि दिल्ली-हरियाणा और दिल्ली-यूपी के कई बॉर्डर्स पर किसान बड़ी संख्या में जमा हैं। सरकार के साथ उनकी कई दौर की बातचीत हो चुकी है। सरकार क़ानूनों में संशोधन के लिए भी तैयार है लेकिन किसानों की सीधी मांग है कि इन तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द कर दिया जाए।
किसानों के आंदोलन को विदेशों से भी जोरदार सपोर्ट मिल रहा है। किसान संगठनों और विपक्षी दलों के हमलों से घबराई मोदी सरकार ने सोमवार को क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद को जवाब देने के लिए मैदान में उतारा।