भारत में इसका जबरदस्त विरोध हुआ। कई राज्यों में आंदोलन शुरू हो गए। शाहीनबाग के रूप में महिलाओं का सशक्त आंदोलन इसके विरोध में खड़ा हुआ। मार्च में केरल की वाम मोर्चा सरकार ने सीएए के कार्यान्वयन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। उसने तर्क दिए कि नियम "संविधान के मूल सिद्धांत, मौलिक सिद्धांतों के खिलाफ" हैं।