मोदी सरकार पर यह आरोप लगता रहा है कि वह अपने विरोधियों के ख़िलाफ़ केंद्रीय जांच एजेंसियों का ग़लत इस्तेमाल करती है। बीते कुछ सालों में ऐसे कई लोग हैं जिन्हें सरकार का विरोध करने का खामियाजा उठाना पड़ा है। लेकिन एनडीटीवी की एक रिपोर्ट कहती है कि 2014 में यानी जब से मोदी सरकार सत्ता में आई है, बीजेपी के राजनीतिक विरोधियों पर मुक़दमों की बाढ़ आ गई है।
मोदी सरकार के राज में राजनीतिक विरोधियों पर मुक़दमों की बाढ़: रिपोर्ट
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- 23 Dec, 2021
एनडीटीवी की इस रिपोर्ट के बाद यह सवाल फिर से खड़ा हो गया है कि आख़िर जांच एजेंसियां किसके इशारे पर विपक्षी नेताओं और अन्य लोगों पर कार्रवाई करती हैं?

रिपोर्ट के मुताबिक़, 2014 के बाद से 570 लोग ऐसे हैं, जो जांच एजेंसियों के निशाने पर रहे हैं। कुछ मामलों में तो संबंधित शख़्स के परिजनों तक भी ये एजेंसियां पहुंची हैं। इन एजेंसियों में सीबीआई, ईडी और इनकम टैक्स शामिल हैं।
जबकि लोगों में ग़ैर एनडीए दलों के राजनेता, एक्टिविस्ट्स, वकील, स्वतंत्र मीडिया हाउस, पत्रकार, फ़िल्म जगत से जुड़े लोग और सरकारी अफ़सर भी शामिल हैं।