पैनल के सदस्य नेता विपक्ष राहुल गांधी ने बैठक में अपना असहमति पत्र दिया और आग्रह किया कि नये सीईसी की नियुक्ति सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने से पहले न की जाये। सरकार ने राहुल गांधी की बात नहीं सुनी और आधी रात को नये सीईसी और नये चुनाव आयुक्त के नामों की घोषणा कर दी।
सुप्रीम कोर्ट में इस मामले पर कई याचिकाएं दाखिल की गई हैं, जिनमें सरकार के कदम को संविधान के मूल ढांचे के विरुद्ध बताया गया है। अदालत ने पहले 19 फरवरी को इस मामले की सुनवाई के लिए तारीख तय की थी, लेकिन अब इसे टाल दिया गया है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सीईसी की नियुक्ति में पारदर्शिता और निष्पक्षता बनाए रखने के लिए चीफ जस्टिस को पैनल में शामिल करना आवश्यक है।