loader
फ़ोटो साभार: ट्विटर/@AnupamConnects/वीडियो ग्रैब

केंद्रीय सचिवालय के सैकड़ों कर्मचारियों ने पदोन्नति में देरी पर प्रदर्शन किया

केंद्रीय सचिवालय सेवा यानी सीएसएस के सैकड़ों कर्मचारी नॉर्थ ब्लॉक में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह के कार्यायल के बाहर इकट्ठे हुए। ये कर्मचारी लंबे समय से पदोन्नति की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में पिछले छह साल से पदोन्नति नहीं दिए जाने के कारण मध्य और वरिष्ठ प्रबंधन रैंक में क़रीब 30 फ़ीसदी पद खाली हैं।

बेरोज़गारी और भर्तियों का मुद्दा जोर-शोर से उठाने वाले 'युवा हल्ला बोल' के अध्यक्ष अनुपम ने इस मामले को लेकर ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया है जिसमें बड़ी संख्या में कर्मचारी कार्यालय में खड़े देखे जा सकते हैं। उन्होंने ट्वीट में कहा है कि लंबे समय से कोरे आश्वसन के बाद इनके सब्र का बांध टूट गया।

दरअसल, केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में मध्य से वरिष्ठ प्रबंधन रैंक में लगभग 30% पद खाली हैं क्योंकि केंद्र सरकार ने पिछले छह वर्षों में केंद्रीय सचिवालय सेवा के अधिकारियों को पदोन्नत नहीं किया है।

कर्मचारियों ने पदोन्नति आदेश जारी करने के लिए कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग यानी डीओपीटी में याचिका दायर की। इन वर्षों में कई अधिकारी सेवानिवृत्त हो गए हैं और पदोन्नति के बिना बढ़े हुए वेतन और पेंशन लाभों से वंचित हो गए हैं। 

ताज़ा ख़बरें

सरकारी अधिकारियों के संघ सीएसएस फोरम ने ट्विटर के माध्यम से सरकार का ध्यान आकर्षित करने की भी कोशिश की है।

सीएसएस फोरम के अनुसार, अनुभाग अधिकारी, अवर सचिव, उप सचिव, निदेशक और संयुक्त सचिव रैंक के 6,210 अधिकारी हैं, जिनमें से 1,839 पद खाली हैं। सीएसएस अधिकारी कार्यालयों की रीढ़ हैं क्योंकि फाइलें, दस्तावेज और आदेश उनके द्वारा निपटाए जाते हैं।

एक रिपोर्ट में सीएसएस के अधिकारी के हवाले से कहा गया है कि लंबित अदालती मामलों के बहाने पदोन्नति अटकी हुई है। अक्टूबर 2021 में सुप्रीम कोर्ट ने सरकारी नौकरियों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति को पदोन्नति में आरक्षण देने पर अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था।

देश से और ख़बरें

'द हिंदू' की एक रिपोर्ट के अनुसार, डीओपीटी द्वारा जारी पदोन्नति के ख़िलाफ़ एक अवमानना ​​याचिका दायर की गई थी और उस मामले को एससी/एसटी को पदोन्नति में आरक्षण से संबंधित मामले से जोड़ा गया था। द इंडियन एक्सप्रेस ने डीओपीटी के सूत्रों के हवाले से ख़बर दी है कि मंत्री इस मामले से अवगत हैं और पिछले कुछ समय से इसे सुलझाने के लिए काम कर रहे हैं। मंत्री के क़रीबी सूत्र के अनुसार, 'हाल ही में मंत्री ने 4,000 पदोन्नति के आदेश जारी किए, जो अदालत की मंजूरी के अधीन है। लेकिन फिर कुछ लोग इसके खिलाफ कोर्ट गए और स्टे ले लिया। जब सरकार ने कोर्ट से स्टे हटावा लिया तो कुछ याचिकाकर्ताओं को अवमानना ​​नोटिस जारी किया गया। इसलिए, कैडर अधिकारियों के बीच मुकदमेबाजी के कारण प्रक्रिया रुक गई है।'

सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें