आलंद में 6018 फर्जी वोट मामले में क्या कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी अपने ही दावों पर फँस गए हैं? राहुल गांधी के आरोपों पर कर्नाटक के मुख्य चुनाव अधिकारी यानी सीईओ ने दावा किया कि आलंद फर्जी वोट मामले में सारी जानकारी 2023 में ही सीआईडी को दे दी गई थी। लेकिन चौंकाने वाला खुलासा यह है कि इसी कर्नाटक सीईओ ने 2025 में भी ईसीआई को बार-बार पत्र लिखकर वही जानकारी मांगी! कम से कम कांग्रेस ने तो यही दावा किया है। इसने तो कर्नाटक सीईओ के हस्ताक्षर किए हुए दस्तावेज भी जारी कर दिए। कांग्रेस ने पूछा है कि कर्नाटक सीईओ के हस्ताक्षर वाले दस्तावेज सही हैं या फिर राहुल के आरोपों पर बिना हस्ताक्षर वाले दिए गए जवाब? क्या यह जांच में देरी की साजिश है?
सीईओ ने आलंद से जुड़ी जानकारी 2023 में दे दी थी तो 2025 में भी ECI को ख़त क्यों लिखे?
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- 19 Sep, 2025
कर्नाटक के आलंद मामले पर सवाल गहराए: यदि सीईओ ने 2023 में ही सभी विवरण सीआईडी को दे दिए थे, तो उसे 2025 में फिर से चुनाव आयोग को पत्र लिखने की ज़रूरत क्यों पड़ी? जानें कांग्रेस के आरोप क्या।

यह मामला 2022-23 में कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र में शुरू हुआ जब दिसंबर 2022 में इलेक्शन रजिस्ट्रेशन ऑफिसर यानी ईआरओ को 6018 फॉर्म-7 आवेदन प्राप्त हुए। इनमें मतदाता सूची से नाम हटाने की मांग की गई थी। ये आवेदन एनवीएसपी, वीएचए और गरुड़ जैसे ऑनलाइन ऐप्स के जरिए जमा किए गए थे। जांच में पता चला कि इनमें से 5994 आवेदन फर्जी थे और इन्हें कथित तौर पर कांग्रेस समर्थकों को निशाना बनाकर दाखिल किया गया था। एक बूथ लेवल अधिकारी ने अपने चाचा का नाम हटाए जाने की शिकायत के बाद इस धोखाधड़ी का खुलासा किया, जिसके बाद फरवरी 2023 में आलंद पुलिस स्टेशन में प्राथमिकी दर्ज की गई। इस केस को सीआईडी को सौंपा गया।