loader

भारत के साथ झड़प नहीं चाहता बीजिंग, चीनी विदेश मंत्रालय ने दी सफ़ाई

बुधवार को चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने सोमवार को हुई झड़प की ज़िम्मेदारी भारत पर डाल दी। उन्होंने कहा कि इस झड़प के लिए बीजिंग ज़िम्मेदार नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि सीमा पर स्थिति स्थिर और नियंत्रण में है। 

चीनी प्रवक्ता ने ज़ोर देकर कहा कि भारतीय सेना ने सीमा का उल्लंघन किया और वह चीनी इलाक़े में घुस गई।  

उन्होंने कहा कि इसकी वजह से दोनों सेनाओं के बीच मारपीट हुई और इसमें दोनों पक्षों के सैनिक हताहत हुए हैं। 

संयम की अपील

झाओ लिजियान ने कहा, 'चीन भारत से आग्रह करता है कि वह अग्रिम पंक्ति के अपने सैनिकों को संयम में रखे, ग़ैरक़ानूनी तरीके से सीमा पार न करे।'

उन्होंने यह भी कहा कि 'भारत किसी तरह का एकतरफा भड़काऊ काम न करे और जिससे सीमा की स्थिति और उलझ जाए।'  

बता दें कि लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प में 20 भारतीय जवान शहीद हो गए हैं। इसके अलावा 4 सैनिक बुरी तरह घायल हुए हैं।  

लिजियान ने कहा कि चीन भारत के साथ सीमा पर किसी तरह की झड़प नहीं चाहता है, इसलिए उसे भी भड़काने वाली कोई गतिविधि नहीं करनी चाहिए और अपने सैनिकों को संयम में रहने को कहना चाहिए।
यह झड़प सोमवार (15 जून) को हुई थी। बताया गया है कि झड़प के दौरान पत्थरों, धातु के टुकड़ों का इस्तेमाल दोनों ओर से किया गया लेकिन गोली नहीं चली है। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक़, इस झड़प में चीनी सेना के 43 जवान हताहत हुए हैं। 
बीते दो महीने से भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख के पैंगोंग झील इलाक़े में तनाव चल रहा है।इसके अलावा उत्तरी सिक्किम के नाकू ला सेक्टर में दोनों देशों के सैनिकों के बीच झड़पें हो चुकी हैं। पिछले महीने आई सैटेलाइट तसवीरों से पता चला था कि पैंगोंग झील से लगभग 200 किमी दूर स्थित एक हवाई अड्डे पर चीनी वायु सेना के चार लड़ाकू विमान मौजूद थे। 
सत्य हिन्दी ऐप डाउनलोड करें

गोदी मीडिया और विशाल कारपोरेट मीडिया के मुक़ाबले स्वतंत्र पत्रकारिता का साथ दीजिए और उसकी ताक़त बनिए। 'सत्य हिन्दी' की सदस्यता योजना में आपका आर्थिक योगदान ऐसे नाज़ुक समय में स्वतंत्र पत्रकारिता को बहुत मज़बूती देगा। याद रखिए, लोकतंत्र तभी बचेगा, जब सच बचेगा।

नीचे दी गयी विभिन्न सदस्यता योजनाओं में से अपना चुनाव कीजिए। सभी प्रकार की सदस्यता की अवधि एक वर्ष है। सदस्यता का चुनाव करने से पहले कृपया नीचे दिये गये सदस्यता योजना के विवरण और Membership Rules & NormsCancellation & Refund Policy को ध्यान से पढ़ें। आपका भुगतान प्राप्त होने की GST Invoice और सदस्यता-पत्र हम आपको ईमेल से ही भेजेंगे। कृपया अपना नाम व ईमेल सही तरीक़े से लिखें।
सत्य अनुयायी के रूप में आप पाएंगे:
  1. सदस्यता-पत्र
  2. विशेष न्यूज़लेटर: 'सत्य हिन्दी' की चुनिंदा विशेष कवरेज की जानकारी आपको पहले से मिल जायगी। आपकी ईमेल पर समय-समय पर आपको हमारा विशेष न्यूज़लेटर भेजा जायगा, जिसमें 'सत्य हिन्दी' की विशेष कवरेज की जानकारी आपको दी जायेगी, ताकि हमारी कोई ख़ास पेशकश आपसे छूट न जाय।
  3. 'सत्य हिन्दी' के 3 webinars में भाग लेने का मुफ़्त निमंत्रण। सदस्यता तिथि से 90 दिनों के भीतर आप अपनी पसन्द के किसी 3 webinar में भाग लेने के लिए प्राथमिकता से अपना स्थान आरक्षित करा सकेंगे। 'सत्य हिन्दी' सदस्यों को आवंटन के बाद रिक्त बच गये स्थानों के लिए सामान्य पंजीकरण खोला जायगा। *कृपया ध्यान रखें कि वेबिनार के स्थान सीमित हैं और पंजीकरण के बाद यदि किसी कारण से आप वेबिनार में भाग नहीं ले पाये, तो हम उसके एवज़ में आपको अतिरिक्त अवसर नहीं दे पायेंगे।
क़मर वहीद नक़वी
सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें

अपनी राय बतायें

देश से और खबरें

ताज़ा ख़बरें

सर्वाधिक पढ़ी गयी खबरें