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भारत जोड़ो यात्रा की जम्मू कश्मीर में एंट्री, अब आख़िरी चरण में

कन्याकुमारी से शुरू हुई राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा अब अपने आख़िर चरण में जम्मू कश्मीर में प्रवेश कर गई है। राहुल की यह यात्रा पंजाब के पठानकोट से जम्मू कश्मीर के कठुआ जिले के लखनपुर में गुरुवार शाम को ध्वज सौंपने के समारोह के साथ ही प्रवेश कर गई। समारोह में राहुल गांधी ने भाजपा और आरएसएस पर नफरत फैलाने का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी सरकार पर भी हमला किया और उन नीतियों को लागू करने का आरोप लगाया, जिनके कारण व्यापक बेरोजगारी हुई है। 

राहुल ने दावा किया कि सरकार लोगों का ध्यान भटकाकर और फिर उन्हें लूटकर बड़े पैमाने पर जेबतराशी कर रही है। उन्होंने नफरत, हिंसा, बेरोजगारी और मूल्य वृद्धि को देश के सामने मुख्य मुद्दा बताया। उन्होंने इन मुद्दों को उजागर नहीं करने के लिए मीडिया पर आरोप लगाया। शुक्रवार सुबह यह यात्रा आगे के लिए बढ़ गई।

पंजाब से जम्मू कश्मीर में मार्च करते हुए राहुल गांधी ने कहा क‍ि मेरे पूर्वज इसी धरती के थे। उन्होंने कहा, 'मुझे लग रहा है कि मैं घर लौट रहा हूं। मैं अपनी जड़ों की ओर वापस जा रहा हूं। मैं जम्मू-कश्मीर के लोगों की पीड़ा को जानता हूं। मैं आपके पास सर झुकाए हुए आ रहा हूं।'

कठुआ के लखनपुर में यात्रा के पहुँचने के साथ ही राहुल ने महाराजा गुलाब सिंह की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की। पंजाब प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजा बडिंग ने भारत जोड़ो यात्रा के जम्मू कश्मीर पहुंचने पर तिरंगा प्रदेश अध्यक्ष विकार रसूल को सौंपा। इस बीच, नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने राहुल गांधी का स्वागत करने के लिए उनके जम्मू आवास से कठुआ तक एक बस में यात्रा की।

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केंद्र शासित प्रदेश में उनका स्वागत करते हुए फारूक अब्दुल्ला ने शंकराचार्य और राहुल के बीच तुलना की। उन्होंने कहा, 'कई साल पहले, शंकराचार्य ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक यात्रा की थी। और आज आप यह कर रहे हैं।' उन्होंने कहा कि आज का भारत राम के भारत या गांधी के हिंदुस्तान का नहीं है क्योंकि लोग धर्म के नाम पर बंटे हुए हैं। उन्होंने कहा, 'अगर हम एक साथ हैं, तो हम वर्तमान समय की नफरत को दूर करने में सक्षम होंगे।' 

यात्रा का समापन 30 जनवरी को पार्टी मुख्यालय में राहुल गांधी द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ श्रीनगर में होगा। कांग्रेस कहती है कि इस यात्रा का उद्देश्य भारत को एकजुट करना है, साथ मिलकर देश को मज़बूत करना है। यात्रा 7 सितंबर को कन्याकुमारी से शुरू हुई। यात्रा 150 दिनों में लगभग 3,500 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। अब तक यह यात्रा 125 दिन तक चल चुकी है और 10 राज्यों के 52 जिलों से गुजर चुकी है। 

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क़मर वहीद नक़वी
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