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PM के भाषण पर कांग्रेस बोली- राहुल से मोदी डरते क्यों हैं?

पीएम मोदी के भाषण पर कांग्रेस ने कहा है कि प्रधानमंत्री राहुल गांधी से डरते हैं। कांग्रेस की यह टिप्पणी तब आयी है जब प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर 'धन्यवाद प्रस्ताव' के जवाब में अधिकतर समय पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू, गांधी-नेहरू परिवार और कांग्रेस को ही कोसते रहे। प्रधानमंत्री ने महंगाई से लेकर, देश के बंटवारे, अनुच्छेद 370 आदि तमाम समस्याओं के लिए नेहरू और कांग्रेस को ज़िम्मेदार ठहराया। उन्होंने नेहरू से लेकर इंदिरा गांधी और राहुल गांधी पर हमला किया। इसी बयान को लेकर कांग्रेस ने पीएम मोदी पर तीखी प्रतिक्रिया दी है।

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के लिए पीएम मोदी की टिप्पणी पर कर्नाटक के डिप्टी सीएम डी.के. शिवकुमार ने एएनआई से कहा, 'राहुल गांधी हमारे नेता हैं। पीएम उनसे क्यों डरते हैं? क्योंकि वह पूरे देश में घूम रहे हैं - उत्तर से दक्षिण और पूर्व से पश्चिम तक। मैं एक बात में विश्वास करता हूं- अधिक मजबूत, अधिक दुश्मन; कम ताकतवर, कम दुश्मन; मज़बूत नहीं, कोई दुश्मन नहीं।'

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पीएम मोदी के इंडिया गठबंधन वाले बयान पर उन्होंने कहा, 'गठबंधन खत्म नहीं हुआ है। इंडिया है, इंडिया लड़ेगा। अभी बहुत वक्त है, बड़ा बदलाव होगा...।'

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर पीएम मोदी के जवाब को लोकसभा सांसद दानिश अली ने अहंकार वाला भाषण क़रार दिया। एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार उन्होंने कहा, "पीएम का संबोधन अहंकार से भरा था। जिस पद पर वह बैठे हैं, उन्हें वह शोभा नहीं देता। आप पहले प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू का मजाक कैसे उड़ा सकते हैं? आपका कोई इतिहास नहीं है। पं. जवाहरलाल नेहरू 9 वर्षों तक ब्रिटिश जेलों में रहे, जबकि आपके पूर्वज अंग्रेजों से माफ़ी मांगते रहे, और फिर उन्हें 'वीर' की उपाधि दी गई। आप वंशवादी राजनीति की बात करते हैं लेकिन उसे देख नहीं सकते अपनी पार्टी में। उन्होंने अपने पूरे भाषण में मणिपुर, अल्पसंख्यकों या महिलाओं के बारे में एक शब्द भी नहीं कहा।"

राहुल गांधी ने भी पीएम के बयान को विरोधाभासी बताया है। उन्होंने कहा, 'प्रधानमंत्री इस बीच अक्सर कह रहे थे देश में सिर्फ दो जातियां हैं- अमीर और गरीब, मगर आज संसद में उन्होंने खुद को ‘सबसे बड़ा ओबीसी’ बताया। किसी को छोटा और किसी को बड़ा समझने की इस मानसिकता को बदलना ज़रूरी है। ओबीसी हों, दलित हों या आदिवासी, बिना गिनती के उन्हें आर्थिक और सामाजिक न्याय नहीं दिलाया जा सकता। मोदी जी इधर उधर की इतनी बातें करते हैं, तो गिनती से क्यों डरते हैं?'

2024 के लोकसभा चुनाव में पीएम मोदी की "एनडीए के लिए 400 प्लस, बीजेपी के लिए 370" वाली टिप्पणी पर टीएमसी सांसद सौगत रॉय ने कहा, "मैं इसे अहंकार के रूप में देखता हूं।"

कांग्रेस सांसद जेबी माथेर ने कहा, 'हर नेता और हर पार्टी को आगामी चुनावों के बारे में आकांक्षाएं रखने का पूरा अधिकार है। लेकिन इस देश के लोग क्या फैसला करेंगे यह स्थिति पर निर्भर करेगा जो इस समय देश में है। प्रधानमंत्री को महंगाई के बारे में क्या कहना है? वह बेरोजगारी के बारे में चुप क्यों हैं? मुद्दों से निपटने के बजाय और जब कड़वी सच्चाई यह है कि लोग महंगाई और बेरोजगारी के कारण पीड़ित हैं, तो प्रधानमंत्री व्यस्त हैं ऐसी भविष्यवाणी करने में जैसे कि वह कोई ज्योतिषी हो कि 2024 के लोकसभा चुनाव में क्या होने वाला है।'

कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने कहा, 

अगर वे 370 तक नहीं पहुंचते तो क्या वह शपथ नहीं लेंगे? क्या वह वादा कर सकते हैं कि अगर संख्या उनके द्वारा घोषित संख्या से कम हो जाती है, तो वह शपथ नहीं लेंगे? 2004 में भी इंडिया शाइनिंग ऐसा ही था और भारत के लोग जानते हैं कि इस तरह का अहंकार पराजित हो जाता है।


मनिकम टैगोर, कांग्रेस सांसद

बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा है, 'भाजपा 370 सीटें हासिल करने के लिए तैयार है, जबकि एनडीए को कुल 405 सीटें हासिल होने की उम्मीद है। मुझे हमारे देश के लोगों पर बहुत भरोसा है।'

इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कांग्रेस पर हमला करने के लिए एक बार फिर से देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर हमला किया। उन्होंने नेहरू का नाम लेकर कहा, 'देश के नागरिकों के लिए वो कैसा सोचते थे। अगर मैंने नाम बोला तो उनको चुभन होगी, लेकिन लाल किले से पीएम नेहरू ने जो कहा था वो एक बार सुनना चाहिए। उन्होंने कहा था कि हिंदुस्तान में काफी मेहनत करने की आदत आम तौर पर नहीं है। हम उतना काम नहीं करते हैं जितना कि यूरोप वाले, जापान वाले, अमेरिका वाले, रूस वाले करते हैं। यह न समझिए कि वह कौमें कोई जादू से खुशहाल हो गई। वे मेहनत और अक्ल से हुई हैं।' उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी भी इसी तरह की सोच रखती थीं।

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प्रधानमंत्री ने नेहरू पर हमला करते हुए कहा कि वे भारत के लोगों को नीचा दिखा रहे थे, नेहरू जी की भारतीयों के लिए सोच थी कि वे आलसी और कम अक्ल के लोग होते हैं।

प्रधानमंत्री ने आरोप लगाया कि जब भी कांग्रेस सत्ता संभालती है तो महंगाई लगातार बढ़ती रहती है। उन्होंने कहा, 'कभी कहा गया था कि हर चीज़ की कीमत बढ़ जाने की वजह से मुसीबत फैली है, आम जनता उनमें फंसी है। यह नेहरू जी ने लाल किले से कहा था, 10 साल बाद भी महंगाई के यही गीत कहे गए थे। देश का पीएम रहते उन्हें 12 साल हो गए थे लेकिन हर बार महंगाई काबू में नहीं आ रही थी।'

प्रधानमंत्री ने परिवारवाद को लेकर भी हमला किया और राहुल गांधी पर बिना नाम लिए हमला किया। उन्होंने नेहरू, इंदिरा, 'परिवारवाद' और कांग्रेस पार्टी को तमाम समस्याओं के लिए ज़िम्मेदार ठहराया।

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क़मर वहीद नक़वी
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