Dalit Atrocities in UP-MP: उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में दलितों के साथ अमानवीय घटनाएं हो रही हैं, जहां उन्हें मंदिर में अपमानित किया जा रहा है। लेकिन दोनों राज्यों के बीजेपी नेता बिहार चुनाव के मद्देनज़र मुस्लिम-हिन्दू वाले बयान देने में व्यस्त हैं।
लखनऊ के काकोरी में इस दलित बुजुर्ग को कथित तौर पर पेशाब चाटने पर मजबूर किया गया
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ जब गोरखपुर में राजनीतिक इस्लाम से सनातन धर्म को चोट पहुंचने और हलाल सर्टिफिकेशन के खिलाफ भाषण झाड़ रहे थे, दूसरी तरफ लखनऊ के काकोरी में एक दलित बुजुर्ग से अमानवीय कृत्य हो रहा था।
काकोरी एक बुज़ुर्ग दलित से फर्श पर पेशाब चटवाई गई। सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं बल्कि मध्य प्रदेश के भिंड से भी कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है । सोमवार शाम करीब 7 बजे लखनऊ के काकोरी क्षेत्र के शीतला माता मंदिर में 60 साल के एक दलित बुजुर्ग रामपाल को पेशाब चाटने पर मजबूर किया गया । अपनी शिकायत में रामपाल ने पुलिस को सारी जानकारी दी है।
रामपाल के पोते मुकेश कुमार ने पीटीआई से कहा, “मेरे दादा को सांस की दिक्कत है। अगर वो दवा समय पर ना लें, तो उनकी जान को खतरा रहता है। कल शाम उन्हें खांसी का दौरा पड़ा और खांसते-खांसते उन्हें पेशाब निकल आई लेकिन जिस जगह मेरे दादा ने पेशाब की वो मंदिर से पूरे 40 मीटर दूर था। लेकिन इसके बाद स्वामीकांत (पम्मू) नाम का व्यक्ति आ गया जिसने दादा को ना सिर्फ पेशाब चाटने के लिए मजबूर किया बल्कि जातिसूचक गालियां भी दीं ।
मुकेश ने बताया, “मेरे दादा डर गए, और जब उससे कहा गया कि ज़मीन चाटो, तो उन्होंने वैसा ही किया। इसके बाद आरोपी ने उस ज़मीन का हिस्सा धोने को भी कहा।” रामपाल के पोते ने ये भी बताया कि जिस रात ये घटना हुई उस रात रामपाल ने अपने परिवार को कुछ भी नहीं बताया लेकिन जब मंगलवार को रामपाल ने अपने परिवार को अपने साथ हुए व्यवहार के बारे में बताया तो परिवार ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई । और तब जाकर ये मामला सामने आ पाया ।
आरोपी स्वामी कांत के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धाराओं 115(2) (जानबूझकर चोट पहुँचाना), 351(3) (धमकी देना), 352 (जानबूझकर अपमान करना ताकि शांति भंग हो) और एससी/एसटी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। इस मामले पर पुलिस अधिकारी का कहना है कि ‘पीड़ित का कहना है कि उसे ज़मीन चाटने पर मजबूर किया गया, जबकि आरोपी कह रहा है कि उसने बस ज़मीन छूने को कहा था। केस दर्ज कर लिया गया है और आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है’।
इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश की सियासत भी गरमा गई है । सपा और कांग्रेस ने बीजेपी सरकार पर निशाना साधना शुरु कर दिया है । सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा, किसी की गलती का मतलब ये नहीं कि उसे अपमानजनक और अमानवीय सज़ा दी जाए। बदलाव ही असली बदलाव लाएगा’ ।
वहीं कांग्रेस ने X पर लिखा, “लखनऊ में एक आरएसएस कार्यकर्ता ने एक बुज़ुर्ग दलित व्यक्ति को पेशाब चाटने के लिए मजबूर किया। वो बुज़ुर्ग मंदिर के आंगन में बैठे थे और तबियत खराब होने की वजह से उनसे गलती से पेशाब हो गया।” कांग्रेस ने आगे कहा, “गुस्से में आरएसएस कार्यकर्ता वहाँ आया और जातिसूचक शब्द बोलते हुए बुज़ुर्ग को पेशाब चाटने पर मजबूर किया।” कांग्रेस ने कहा, “बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश में हुई ये घटना मानवता पर कलंक है। दोषियों को सख्त से सख्त सज़ा मिलनी चाहिए।”
एमपी में दलित पेशाब पीने को मजबूर
भिंड में दलित के साथ अमानवीय व्यवहार करते हुए पेशाब पिलाने का मामला सामने आया है । मध्य प्रदेश के भिंड ज़िले में एक 25 साल के दलित युवक ज्ञान सिंह जाटव ने आरोप लगाया है कि उसके पुराने मालिक और दो साथियों ने उसे अगवा कर मारपीट की और जबरदस्ती पेशाब पिलाया । पुलिस के मुताबिक आरोपी भिंड के सुरपुरा गांव के सोनू बरुआ, दतावली गांव के आलोक शर्मा और भिंड के छोटू को एससी/एसटी एक्ट और भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं में गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने बताया कि पीड़ित को ग्वालियर में उसके ससुराल से अगवा किया गया और एसयूवी में बैठाकर भिंड ले जाया गया। वहाँ उसकी बेरहमी से पिटाई की गई क्योंकि उसने सोनू बरुआ की गाड़ी चलाने का काम छोड़ दिया था। पीड़ित दलित ने बताया, “उन्होंने मुझे प्लास्टिक की पाइप से पीटा और बोतल में भरा पेशाब जबरदस्ती पिला दिया। फिर मुझे लोहे की ज़ंजीर से बांध दिया और दोबारा बेइज़्ज़त किया। जब लोगों की भीड़ जुटी, तो आरोपी वहां से भाग गए और पीड़ित को वहीं छोड़ दिया।
वहीं भिंड के कलेक्टर करोड़ी लाल मीणा ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में बताया कि उन्होंने पीड़ित के पिता से बात की है और आश्वासन दिया है कि परिवार को पूरी मेडिकल सुविधा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि अस्पताल में सारे टेस्ट सही तरीके से हों, यह सुनिश्चित किया जाएगा। इसके साथ ही पुलिस भी इस मामले की जांच पूरी गंभीरता से कर रही है। फिलहाल पीड़ित का इलाज स्थानीय अस्पताल में चल रहा है।
हाल ही में मध्य प्रदेश के कटनी में में एक दलित युवक को अवैध खनन का विरोध करने पर पीटा गया था, और उज्जैन में एक दूसरे दलित युवक के साथ मारपीट कर उसे पेशाब पिलाया गया था। ये सब घटनाएं दिखाती हैं कि हर जगह दलितों के खिलाफ अपराध बढ़ते ही जा रहे हैं । लेकिन सरकार कोई दलितों के हित में कोई खास कदम नहीं उठा रही है ।