यह सच है कि कोरोना वायरस का कोई धर्म, जाँत-पाँत, नस्ल, रंग नहीं है, इसलिए वह निरपेक्ष भाव से जो मिल जाता है उसे ही धर-दबोचता है, लेकिन यह आधा सच है। पूरा सच यह है कि कुछ ख़ास लोगों को वह अपना शिकार ज़्यादा बना रहा है।
दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों को सबसे ज़्यादा निशाना बनाएगा कोरोना?
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- 11 Apr, 2020

भले ही कोरोना वायरस का कोई धर्म, जाँत-पाँत, नस्ल, रंग न हो, वह दलितों, आदिवासियों, अल्पसंख्यकों को सबसे ज़्यादा निशाना बनाएगा।