दिल्ली सोमवार शाम से ही दहली हुई है। लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास कार विस्फोट में 9 लोग मारे जा चुके हैं। इन हालात में पीएम मोदी भूटान रवाना हो गए हैं। वो भूटान के राजा के जन्मदिन समारोह में शामिल होने गए हैं।
मोदी भूटान पहुंचे। यह फोटो उन्होंने खुद ट्वीट किया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को भूटान पहुंच गए हैं। वो की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर गए हैं। यह यात्रा भूटान के चौथे राजा जिग्मे सिंग्मे वांगचुक के 70वें जन्मदिन समारोह में शामिल होने के लिए की गई। हालांकि सरकार का कहना है कि दोनों देशों के बीच ऊर्जा साझेदारी को मजबूत करने के उद्देश्य से मोदी भूटान गए हैं।
यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री मोदी भूटान के वर्तमान राजा जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक, उनके पिता एवं पूर्व राजा जिग्मे सिंग्मे वांगचुक तथा भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे से मुलाकात करेंगे। मोदी ने कहा कि यह यात्रा दोनों देशों की मित्रता के बंधन को और गहरा करेगी तथा साझा प्रगति और समृद्धि की दिशा में प्रयासों को मजबूत बनाएगी।
प्रधानमंत्री ने अपनी यात्रा से पहले जारी बयान में कहा, "भूटान के लोगों के साथ चौथे राजा के 70वें जन्मदिन को मनाने का मुझे सम्मान मिलेगा।" उन्होंने आगे कहा कि ग्लोबल पीस प्रेयर फेस्टिवल के दौरान भारत से लाए गए भगवान बुद्ध के पवित्र पिपराहवा अवशेषों का प्रदर्शन दोनों देशों की गहरी सभ्यतागत और आध्यात्मिक संबंधों को दर्शाता है।
आप सांसद संजय सिंह का हमला
लोग सोशल मीडिया पर मोदी की भूटान यात्रा पर तीखी टिप्पणियां कर रहे हैं। लेकिन आप सांसद संजय सिंह ने मोदी की भूटान यात्रा पर कुछ ज्यादा तीखा बयान दिया है। संजय सिंह ने कहा कि आग लगे बस्ती में मोदी अपनी मस्ती में।
देश “Pain” में मोदी “Plane” में।
देश की राजधानी पर आतंकी हमला हुआ। प्रधानमंत्री जन्म दिन मनाने निकल पड़े।
गृह मंत्री बिहार चुनाव में व्यस्त हैं।
देश कब तक ऐसे संवेदनहीन प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को बर्दाश्त करेगा?
यात्रा के दौरान पीएम मोगी पुनात्सांगचू-दो जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन करेंगे, जो भारत-भूटान ऊर्जा साझेदारी में एक बड़ा मील का पत्थर साबित होने वाला है। मोदी ने इसे दोनों देशों के ऊर्जा सहयोग को बड़ा बढ़ावा देने वाला बताया।
भारत और भूटान के बीच गहरे पारस्परिक विश्वास, समझ और सद्भावना पर आधारित मित्रता के संबंध हैं। यह साझेदारी भारत की 'नेबरहुड फर्स्ट पॉलिसी' का प्रमुख स्तंभ है और पड़ोसी देशों के बीच आदर्श संबंधों का मॉडल है। प्रधानमंत्री ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि यह यात्रा द्विपक्षीय संबंधों में नई ऊर्जा का संचार करेगी।
कांग्रेस ने नेहरू के समय को याद किया
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मंगलवार को फोटो और पोस्ट ट्वीट किया, जिसमें पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के समय की यात्रा को याद किया गया है। जयराम रमेश ने लिखा है- प्रधानमंत्री आज भूटान में हैं। सड़सठ साल पहले, भारत के पहले प्रधानमंत्री ने भूटान की एक बेहद अनोखी यात्रा की थी। इंदिरा गांधी और जगत मेहता, नारी रुस्तमजी और अपा पंत जैसे कुछ अधिकारियों के साथ, नेहरू पहले बागडोगरा गए और फिर गंगटोक होते हुए नाथू ला तक एक नई बनी सड़क से गाड़ी से गए।
जयराम रमेश ने कहा कि नाथू ला में, प्रतिनिधिमंडल का स्वागत एक दर्जन याक, कई टट्टू और सौ से ज़्यादा जानवरों के एक समूह ने किया। इसके बाद प्रतिनिधिमंडल पाँच दिनों तक पचास किलोमीटर की पैदल यात्रा करके 23 सितंबर, 1958 को पारो पहुँचा। कई बार तो ऊँचाई 15,500 फीट तक पहुँच गई। नेहरू और उनकी टीम ने पारो में पाँच दिन बिताए और कई आधिकारिक बैठकें और सांस्कृतिक कार्यक्रम किए। इसके बाद वे उसी रास्ते से नाथू ला वापस लौटे जिस रास्ते से वे पारो पहुँचे थे।
उन्होंने कहा- लगभग उनहत्तर वर्ष के होने वाले प्रधानमंत्री की अत्यंत कठिन परिस्थितियों में की गई यह असाधारण यात्रा, भूटान और भारत के बीच लगभग सात दशकों से चले आ रहे विशेष संबंधों की दिशा तय करने वाली थी। मेहता, रुस्तमजी और पंत, सभी ने इस यात्रा के सुखद वृत्तांत अपने पीछे छोड़े हैं जिसने कूटनीतिक इतिहास रच दिया।